कार्तिक पूर्णिमा को ले गंगा घाटों पर नहीं है सुरक्षा का इंतजाम
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर होनेवाले गंगा स्नान तथा खतरनाक घाटों पर सुरक्षा का कोई इंतजाम प्रशासन के द्वारा नहीं किया गया है।
समस्तीपुर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर होनेवाले गंगा स्नान तथा खतरनाक घाटों पर सुरक्षा का कोई इंतजाम प्रशासन के द्वारा नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर होनेवाले गंगा स्नान के दौरान किसी छोटी-बड़ी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र की सर्वाधिक भीड़ बुलगानीन गंगा तट पर होती है, परन्तु यह घाट पिछले कई वर्ष से सबसे अधिक खतरनाक घाट साबित हो चुके हैं। पिछले दो वर्ष में लगभग दर्जनभर लोगों की मौत डूबने से हो चुकी है और इनमें किसी का शव भी बरामद नहीं किया जा सका। प्रशासनिक स्तर पर इन घाटों पर कोई पुलिस और प्रशासनिक चौकसी की व्यवस्था भी नहीं की गई है। इससे गंगा स्नान के लिए जानेवाले लोगों में भय व्याप्त है। बुलगानीन गंगा घाट के अलावा समीप के अन्य गंगा घाटों पर भी गंगा कटाव के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कई स्थानों पर गंगा कटाव निरोधी पत्थर के बंडाल और उसपर लगे लोहे के मोटे तार की वजह से भी घटनाएं होती है। ज्ञात हो कि पटोरी के इन घाटों पर समस्तीपुर तथा वैशाली जिले के आधा दर्जन प्रखंडों के लोग गंगा स्नान के लिए आते है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर इन घाटों पर मेला जैसा ²श्य रहता है। कार्तिक पूर्णिमा के दौरान भी कई बार डूबने की घटना हो चुकी है। यहां के घाटों में बुलगानीन घाट, रून्नीभूईंया घाट, सरारी घाट, पत्थर घाट, दमकीटोला घाट आदि पर काफी संख्या में लोग दूर-दराज से आते है। बता दें कि पूर्व में ही बुलगानीन घाट को प्रशासन के द्वारा खतरनाक घाट घोषित करते हुए यहां पर खतरा से संबंधित बोर्ड लगा दिया गया था। बावजूद इसके लोग जान को जोखिम में डालकर स्नान करते है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर होनेवाली भीड़ को ले प्रशासन बिल्कुल बेखबर है। आशंका है कि इस स्नान के दौरान बड़ी घटनाएं हो सकती है।