भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए कर्म करना जरूरी : योगेश प्रभाकर
दल¨सहसराय प्रखंड की पगड़ा पंचायत के रामजानकी काली मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को कथा का वाचन करते हुए योगेश प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि सत्संग के बिना मनुष्य का विवेक जाग्रत नहीं होता है।
समस्तीपुर । दल¨सहसराय प्रखंड की पगड़ा पंचायत के रामजानकी काली मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को कथा का वाचन करते हुए योगेश प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि सत्संग के बिना मनुष्य का विवेक जाग्रत नहीं होता है। सत्संग श्री रामजी की कृपा के बिना नहीं मिलता है। संतों की संगति आनंद और कल्याण का मुख्य मार्ग है। संतों की संगति ही परम-सिद्धि का फल है और सभी साधन तो फूल के समान है। भगवान की कृपा निष्काम भाव से कर्तव्य समझ कर कर्म करने से प्राप्त होती है, इसलिए मनुष्य को संसार में भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए कर्म करना चाहिये। उन्होंने कहा कि मनुष्य का संसार में विश्वास पतन का कारण होता है और ईश्वर में विश्वास शाश्वत-सुख और परम-शान्ति का कारण होता है। यदि हमें परमात्मा की तरफ चलना है तो हमें सांसारिक सुख अच्छे नहीं लगने चाहिए। हम संसारिक सुख को छोड़ने की इच्छा करेंगे तभी परमात्मा का आनन्द प्राप्त कर पाएंगे। जब तक हम संसार रूपी नाव से नहीं उतरेंगे तब तक परमात्मा रूपी नाव पर सवार कैसे हो सकते हैं। संसार में जब तक किसी व्यक्ति का स्वार्थ नहीं होता है तब तक वह किसी का भी आदर नहीं कर सकता है। मौके पर श्रोता वीरेंद्र ¨सह, पारसनाथ ¨सह,रामसनेही ¨सह, संजीव कुमार ¨सह, मनोहर ¨सह, पुजारी हरि झा, छोटू, चुलबुल, सत्संग भारद्वाज,अमन पराशर, उपेंद्र कुशवाहा, राम प्रसाद महतो, मुकेश ¨सह, सतीश ¨सह, मधुसूदन ¨सह आदि उपस्थित थे।