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मास्क की अनदेखी, कार्रवाई की गति धीमी

सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मियों को दफ्तरों में किस तरह आना और बैठकर काम करना है इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत सरकारी दफ्तर में अब सभी अफसरों व कर्मियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा। लेकिन इसमें भी कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:08 AM (IST)
मास्क की अनदेखी, कार्रवाई की गति धीमी

समस्तीपुर । सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मियों को दफ्तरों में किस तरह आना और बैठकर काम करना है, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत सरकारी दफ्तर में अब सभी अफसरों व कर्मियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा। लेकिन, इसमें भी कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। नगर परिषद कार्यालय में कर्मी बिना मास्क पहने ही ड्यूटी कर रहे है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि दफ्तर में मेज व कुर्सी को कुछ इस तरह से व्यवस्थित किया जाए कि जिससे दो कर्मी सीधे-सीधे एक-दूसरे के सामने नहीं बैठ सकें। सभी कर्मियों को यह हिदायत है कि वे अपने हाथ से आंख, नाक व मुंह को छूने से बचेंगे। खांसते या छींकते समय सभी को अपने मुंह व नाक को टिश्यू पेपर या फिर बांह से ढंकना है। साबुन से हाथ धोना है। साबुन-पानी की अनुपलब्धता की स्थिति में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का उपयोग करना है।

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कोरोना संक्रमण संकट को तीन महीने से अधिक होने को हैं। स्थिति अब भी पूरी तरह काबू में नहीं है। वायरस के संक्रमण का प्रसार न हो इसके लिए आरंभ से ही लोगों को अपने नाक व मुंह को गमछे, मास्क से ढककर घर से बाहर निकलने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं। लेकिन, अभी भी अधिसंख्य लोग इसके प्रति लापरवाह बने हुए हैं। कोरोना संक्रमण से राहत की सांस, मास्क ही दे सकता है। मास्क हमें तो सुरक्षित रखता ही है, दूसरों को भी बचाता है। घर से बाहर निकलते समय और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का प्रयोग बहुत जरूरी हो जाता है। मास्क संक्रमण के खतरे को कम कर देता है। कहा जाता है कि, अगर 80 फीसद आबादी मास्क पहने तो कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को आसानी से खत्म किया जा सकता है। गले में मास्क लटका कर घूम रहे लोग

लोग कोरोना वायरस से बचाव के लिए कितने सतर्क हैं। यह दिखने से पता चला रहा है। बाजार का दौरा करने पर पाया कि मास्क केवल औपचारिकता मात्र है। कुछ ने इसे नाक के नीचे सरकाया था तो कुछ गले में लटकाए घूम रहे थे। शारीरिक दूरी नियम को तो बिल्कुल पालन नहीं हो रहा था। सब्जी की दुकानें हो या किराना सब जगह लोगों की भीड़ थी। कोविड-19 वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से आसानी से फैलता है। मास्क पहनने से किसी संक्रमित व्यक्ति की थूक की बूंदों से हवा में मौजूद वायरस के श्वसन तंत्र में प्रवेश करने की संभावना कम हो जाती है। मास्क के महत्व और अनिवार्यता को लेकर प्रशासन आए दिन दिशा-निर्देश जारी करता है। इसके बावजूद मास्क की अनदेखी जारी है। बाजार में निकलने वाले 70 फीसद से अधिक लोग मास्क नहीं पहन रहे।


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