भीषण आंधी और पानी ने मचाई तबाही, जनजीवन अस्त-व्यस्त
तेज आंधी बारिश के चलते गुरुवार की रात्रि पूरे जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज आंधी के कारण बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई। रेलवे में भी विद्युत सप्लाई बाधित हो गई। जिस कारण ट्रेनों का परिचालन के साथ-साथ स्टेशन परिसर में भी अंधकारमय हो गया।
समस्तीपुर । तेज आंधी बारिश के चलते गुरुवार की रात्रि पूरे जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज आंधी के कारण बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई। रेलवे में भी विद्युत सप्लाई बाधित हो गई। जिस कारण ट्रेनों का परिचालन के साथ-साथ स्टेशन परिसर में भी अंधकारमय हो गया। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शनी इंजन के बगल में लगे जियो मोबाइल कंपनी का टावर भी गिर गया। हालांकि, टावर गिरने के दौरान उक्त स्थल पर किसी के नहीं रहने के कारण बड़ी घटना घटित नहीं हुई। जिसके कारण शुक्रवार को भी नेटवर्क में समस्या का सामना करना पड़ा। सूचना पर पहुंचे इंजीनियर रवि रंजन टीम के साथ क्षतिग्रस्त टावर को दुरुस्त करने में लगे थे। सदर अस्पताल में भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दीवार गिरने से पिता समेत बेटी-दामाद जख्मी
इधर, मुफस्सिल आंधी-पानी के दौरान थाना क्षेत्र के आजादनगर मोहल्ले में चार मंजिला मकान के उपर बने दीवार गिरने से गुरुवार की रात पिता समेत दामाद और पुत्री बुरी तरह जख्मी हो गई। वहीं पतोहू और बच्चे की जान बच गई। घटना के संबंध में बताया गया है कि गुरुवार की रात तेज आंधी और बरसात के दौरान सभी करकट के मकान में बैठकर बातचीत कर रहे थे। इसी बीच स्व. दिनेश कुमार के पुत्र देवराज की चौथी मंजिल पर निर्माणाधीन दीवार पड़ोसी उमेश प्रसाद के करकटनुमा घर पर अचानक गिर गया। इस क्रम में उमेश समेत उनकी पुत्री अमृता रानी, दामाद रजनीश कुमार बुरी तरह जख्मी हो गए। वहीं पतोहु रीतु कुमारी और उनका मासूम बच्चा प्रत्युष बाल-बाल बच गया। अचानक हुए हादसे के बाद घर में चीख पुकार होने लगी। सभी जख्मी का सिर, हाथ, पीठ, समेत शरीर के कई हिस्सों में जख्म हो गए। जबकि अमृता की स्थिति अधिक खराब हो गई। बेहोशी की हालत में पड़ोसियों ने शहर के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। जहां मौजूद चिकित्सक ने इलाज करते हुए सभी को खतरे से बाहर बताया। चिकित्सक ने बताया की लड़की की स्थिति अधिक खराब होने के कारण उसके बाएं हाथ की अंगुली तक काटनी पड़ी। इधर, अस्पताल कर्मियों का कहना था कि चौथी मंजिल से पांच फीट की दीवार अगर करकट को तोड़ते हुए किसी के शरीर पर गिर जाए तो खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि घर में बैठे लोगों की क्या स्थिति हो सकती है। फिलहाल सभी जख्मी इलाजरत होते हुए सुरक्षित बताए गए हैं।
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