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इंजीनिय¨रग कॉलेज की जमीन के एवज में हाउ¨सग बोर्ड ने मांगा 30 करोड़

जिले में प्रस्तावित अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना का मामला पिछले दो साल से अटका हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 10:43 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 10:43 PM (IST)
इंजीनिय¨रग कॉलेज की जमीन के एवज में हाउ¨सग बोर्ड ने मांगा 30 करोड़
इंजीनिय¨रग कॉलेज की जमीन के एवज में हाउ¨सग बोर्ड ने मांगा 30 करोड़

समस्तीपुर । जिले में प्रस्तावित अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना का मामला पिछले दो साल से अटका हुआ है। अब नया पेंच 30 करोड़ की राशि को लेकर फंस गया है। हाउ¨सग बोर्ड की करीब 7.5 एकड़ जमीन देने के एवज में बिहार राज्य आवास बोर्ड ने 30 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है। इसके बाद ही इंजीनिय¨रग कॉलेज के लिए यह जमीन हस्तांतरित की जाएगी।

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जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से समस्तीपुर में इंजीनिय¨रग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। इसके लिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इसके लिए साढे सात एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। निर्देश के आलोक में जिलाधिकारी ने 25 मई 2016 को पत्र भेजकर हाउ¨सग बोर्ड की जमीन में इंजीनि¨रग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया। इस पत्र के आलोक मे राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर भूमि हस्तांतरित करने का अनुरोध किया। बिहार राज्य आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक ने विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव को 15 दिसंबर 17 को लिखे पत्र में कहा कि 20 जून 2017 को आहूत बोर्ड की 255 वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि बोर्ड के आदेश की प्रत्याशा में समस्तीपुर में प्रस्तावित अभियंत्रण महाविद्यालय के निर्माण के लिए हाउ¨सग बोर्ड की 7.5 एकड़ जमीन का व्यवसायिक एमवीआर की दर पर गुणित राशि 30 करोड़ रुपये होती है। इस राशि को लहेरियासराय स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में बोर्ड के खाते में जमा कराया जा सकता है। इसके बाद यह जमीन हस्तांतरित हो सकेगी।

बता दें कि हाउ¨सग बोर्ड की जमीन प्राप्त करने के लिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को 30 करोड़ रुपये जमा कराना होगा, तभी उसे यह जमीन मिल सकती है। अन्यथा यह जमीन आवंटित नहीं हो पाएगी। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए भी बिहार राज्य हाउ¨सग बोर्ड ने जमीन देने के एवज में स्वास्थ्य विभाग से 95 करोड़ रुपये का डिमांड किया था। इसके बाद ही जमीन हस्तांतरित करने की बात कही थी। इधर, इतनी बड़ी राशि जमा कराया जाना विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के लिए संभव नही दिखता है। बता दें कि राज्य सरकार की यह नीति रही है कि सरकारी संस्थानों के निर्माण के लिए निश्शुल्क जमीन प्राप्त किया जाए। ऐसा संभव नहीं होने पर ही वह क्रय कर जमीन अधिग्रहणा करती है। मेडिकल कॉलेज भी इसी वजह से हाउ¨सग बोर्ड मैदान में नहीं बन सका। बाद में इसे सरायरंजन प्रखंड के नरघोघी में स्थानांतरित कर दिया गया। जिसकी स्वीकृति राज्य सरकार ने भी दे दी है। इधर, इस मुद्दे को लेकर स्थानीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अभियंत्रण महाविद्यालय के लिए जमीन हस्तांतरित करने के एवज में 30 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से यह राशि विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की ओर से बिहार रज्य आवास बोर्ड को उपलब्ध नहीं कराया जाना ¨चतनीय है। इसलिए अविलंब राशि उपलब्ध कराने का आदेश विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को दिया जाए।


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