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ईमानदारी की अपील पर आर्थिक मदद, दूर कर रहे कोरोना का संकट

मोहनपुर में निस्वार्थ भाव से समाजसेवा का संकल्प लेनेवाले पर्यावरणसेवी सुजीत कुमार भगत परदेसियों को आर्थिक सहायता पहुंचा रहे। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर देशभर में लॉकडाउन से बिहार एवं अन्य प्रदेश के मध्यम तबके के लोग विभिन्न शहरों में फंसे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 12:04 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 12:04 AM (IST)
ईमानदारी की अपील पर आर्थिक मदद, दूर कर रहे कोरोना का संकट
ईमानदारी की अपील पर आर्थिक मदद, दूर कर रहे कोरोना का संकट

समस्तीपुर । मोहनपुर में निस्वार्थ भाव से समाजसेवा का संकल्प लेनेवाले पर्यावरणसेवी सुजीत कुमार भगत परदेसियों को आर्थिक सहायता पहुंचा रहे। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर देशभर में लॉकडाउन से बिहार एवं अन्य प्रदेश के मध्यम तबके के लोग विभिन्न शहरों में फंसे हैं। मजदूरी एवं अन्य काम करने के बाद दो जून की रोटी जुटाने वालों के सामने बहुत बड़ी समस्या पैदा हो चुकी है। ऐसे लोगों को सुजीत 500 से 1000 रुपये की सहायता उनके खाते में पहुंचा रहे। इतना ही नहीं, अपने परिवार से संपर्क बनाए रखने के लिए मोबाइल में बैलेंस भी उपलब्ध करा रहे। रीचार्ज के लिए उन्होंने मोहिउद्दीननगर के एक कम्युनिकेशन सेंटर को अग्रिम राशि उपलब्ध कराई है।

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60 से अधिक लोगों की कर चुके सहायता

आर्थिक सहायता की उनकी शर्त यही है कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाए, मदद लेनेवाले व्यक्ति ईमानदारी पूर्वक पैसे वापस करेंगे। उन्होंने अपना बैंक अकाउंट नंबर भी शेयर किया है। वे व्यक्तियों के खाते में राशि का हस्तांतरण कर उनतक पैसा पहुंचा रहे। सुजीत अब तक करीबन 60 से अधिक व्यक्तियों को आर्थिक सहायता कर चुके हैं। उन्होंने उनलोगों की मदद की है, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते तक नहीं। आर्थिक मदद पानेवाले को यह छोटी रकम उनके प्राण बचाने के लिए पर्याप्त तो नहीं, पर उनके लिए प्राणवायु सिद्ध हो रही। सुजीत ने अपनी इस तरीके को फेसबुक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया था। वहीं से संकट में फंसे लोग उनसे मदद मांगने के लिए संपर्क कर रहे।

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माता-पिता का मिल रहा पूरा साथ

पर्यावरण की रक्षा करने वाले सुजीत कुमार भगत की इस पहल में शिक्षिका मां देवकली देवी भी साथ हैं। उन्होंने इसके लिए एक माह का वेतन प्राप्त हुआ है। देवकली ने इस पहल के लिए बेटे को सहर्ष एक महीने का वेतन दे दिया। सुजीत के पिता सेवानिवृत्त शिक्षक गणेश भगत ने भी एक महीने की पेंशन उपलब्ध कराई है। सुजीत का कहना है कि अपने घर से आजीविका के लिए अनेक शहरों में रह रहे लोगों की हालात काफी खराब हो रही। उनसे आर्थिक सहायता पाने के लिए लोगों द्वारा संपर्क किया जा रहा। ऐसे में उन्हें सहयोग किया जा रहा।


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