गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों की सुविधाओं में इजाफा
समस्तीपुर। गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधा को पहले से और भी अधिक दुरुस्त किया जा रहा है ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
समस्तीपुर। गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधा को पहले से और भी अधिक दुरुस्त किया जा रहा है ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। जिला सामुदायिक उत्प्रेरक और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को आशा फैसिलिटेटर और आशा से रिपोर्ट तैयार कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। यह लाभ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मदर एवं चाइल्ड ट्रैकिग सिस्टम के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए जिले के सभी गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों को ढूंढ कर भारत सरकार के वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा रहा है। ताकि उन्हें प्रसवपूर्व टीकाकरण एवं प्रसव के उपरांत दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं को ससमय उपलब्ध कराया जा सके। गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का शत प्रतिशत पंजीकरण किया जाएगा। पोर्टल पर शत प्रतिशत इंट्री करने की पूर्ण जिम्मेवारी जिला स्तर पर जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी और प्रखंड स्तर पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की निगरानी में ब्लॉक एमएनई असिस्टेंट एवं एएनएम को दी गई है। सुविधा में कमी होने पर होगी कार्रवाई
गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का पंजीकरण आरसीएच रजिस्टर एवं पोर्टल पर करते हुए पोर्टल जनित वर्क प्लान और ड्यू लिस्ट संबंधित कार्य एएनएम को दी जाए। इससे लाभार्थियों को एएनएम के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा दी जा सके। इसकी पूर्ण जिम्मेवारी जिला स्तर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की होगी। सुविधाओं का अनुश्रवण करने का जिम्मा जिला पदाधिकारी को दिया गया है। जिससे स्वास्थ्य सेवा से कोई भी गर्भवती महिला एवं बच्चा वंचित ना रह जाए। जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को यथासंभव कम किया जा सके। इसके बाद भी असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों के संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों से स्पष्टीकरण करते हुए असंतोषजनक होने की स्थिति में मानदेय में कटौती करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।