102 एंबुलेंस सेवा के इस्तेमाल में जिला सातवें पायदान पर
जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में अक्टूबर में प्रति एंबुलेंस प्रतिदिन कुल ट्रिप के मामले में समस्तीपुर जिले ने राज्य में सातवां स्थान प्राप्त किया है। जबकि बांका प्रथम मधेपुरा द्वितीय नालंदा तृतीय शेखपुरा चतुर्थ खगड़िया पंचम रोहतास छठे स्थान पर रहे।
समस्तीपुर । जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में अक्टूबर में प्रति एंबुलेंस प्रतिदिन कुल ट्रिप के मामले में समस्तीपुर जिले ने राज्य में सातवां स्थान प्राप्त किया है। जबकि, बांका प्रथम, मधेपुरा द्वितीय, नालंदा तृतीय, शेखपुरा चतुर्थ, खगड़िया पंचम, रोहतास छठे स्थान पर रहे।
स्वास्थ्य संस्थानों में 102 एंबुलेंस सेवा बेहतर ढंग से कार्य कर रही। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने के मामले में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को रिपोर्ट भेजी गई है। इसके बाद यह रपट जारी की गई।
अक्टूबर में राज्य में संस्थागत प्रसव में सातवां स्थान प्राप्त करने पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने कार्य की सराहना की है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव द्वारा 102 एंबुलेंस सेवा की हर दिन मॉनीटरिग की जाती है। इसके लिए वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। जिस पर राज्य के सभी जिलों से संस्थागत प्रसव को लेकर रिपोर्टिग की जाती है।
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38 एंबुलेंस के माध्यम से मरीजों को मिल रही सुविधा
सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर तक 102 एंबुलेंस की संख्या 38 है। इनमें 34 मरीजों के लिए और एक शव वाहन के रूप में प्रयोग किए जा रहे। इसके अलावा तीन एंबुलेंस को बैकअप में रखा गया है। इससे अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों में मरम्मती के लिए एंबुलेंस के जाने पर वहां पर सेवा दी जाती है। एंबुलेंस की मॉनीटरिग का जिम्मा जिले में एंबुलेंस प्रबंधक राघवेंद्र कुमार को दिया गया है। प्रबंधक द्वारा बेहतर मॉनीटरिग की वजह से मरीजों को हर संभव बेहतर सुविधा मिल रही। इससे प्रत्येक दिन सौ प्रसव ऐसे हो रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल लाया जाता है। जहां पर प्रसव के उपरांत उन्हें एंबुलेंस से ही घर पहुंचाया जाता। जबकि, 50 से अधिक प्रसूता संस्थागत प्रसव के लिए स्वयं की सुविधा से स्वास्थ्य संस्थान में पहुंच रही हैं।
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सदर अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस का लगता जमावड़ा
सदर अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस के साथ-साथ प्राइवेट एंबुलेंस का भी जमावड़ा लगता है। लेकिन, स्वास्थ्य प्रशासन इस पर रोक लगाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा। प्राइवेट एंबुलेंस के संचालक और ड्राइवर द्वारा अस्पताल के कर्मियों की मिलीभगत से लंबे समय से खेल चल रहा। प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा मरीजों से अत्यधिक राशि वसूल की जाती है। इसके अलावा कुछ मरीजों को पटना ले जाने के दौरान बहला-फुसलाकर पीएमसीएच की जगह निजी अस्पतालों में ही भर्ती करा दिया जाता है। इसके एवज में प्राइवेट एंबुलेंस के ड्राइवर को उक्त अस्पताल से मोटी रकम भी मिलती है।
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वर्जन
मरीजों को 102 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में प्रशंसनीय कार्य किया गया है। अक्टूबर में प्रति एंबुलेंस प्रति कुल ट्रिप के मामले में राज्य में सातवां स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए और भी बेहतर ढंग से कार्य करने का निर्देश दिया गया है।
डॉ. सियाराम मिश्र
सिविल सर्जन, समस्तीपुर