कॉलेज प्रशासन के तानाशाही रवैये के विरोध में प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महिला महाविद्यालय इकाई द्वारा महाविद्यालय में हो रही अवैध वसूली और तानाशाही रवैये के विरोध में प्रदर्शन किया गया।
समस्तीपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महिला महाविद्यालय इकाई द्वारा महाविद्यालय में हो रही अवैध वसूली और तानाशाही रवैये के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एक सभा आयोजित हुई। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वंदना शर्मा ने कहा कि प्रधानाचार्या की तानाशाही से छात्र संघ भी अपनी शक्ति का प्रयोग पूर्ण रुपेण नहीं कर पा रही हैं। परिषद की छात्राओं ने निर्णय लिया है कि जब तक सभी व्यवस्थाएं छात्राओं के हित में नहीं कर ली जाती है, तब तक छात्राओं के हक और अधिकार के लिए संघर्ष जारी रहेगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कॉलेजों में डिग्री पार्ट प्रथम सत्र 2018-21 के तहत नामांकन के लिए छात्राओं से नामांकन फॉर्म के नाम पर 205 रुपये की राशि ली जा रही है। जबकि, ऑनलाइन में 300 रुपया पूर्व में ही लिया जा चुका है। जबकि, नामांकन फॉर्म खरीदने की आवश्यकता नहीं है। चालान में भी अन्य कॉलेजों की तुलना में राशि की लूट हो रही है। महाविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के नियम परिनियम को मानने से इंकार करते हुए चुनौती देने का प्रयास करती है। बता दें कि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत प्रत्येक छात्राओं से फार्म के नाम पर तीस रुपये एवं फार्म जमा करने के समय एक सौ रुपये की राशि प्रत्येक छात्राओं से कॉलेज कर्मियों के द्वारा वसूल की गई थी। कॉलेज कर्मियों के द्वारा इस तरह की अवैध वसूली की जांच के लिए कुलपति से भी अनुरोध करने की मांग अभाविप के द्वारा किया जाएगा। मौके पर कॉलेज उपाध्यक्ष प्रियंका यादव, कोषाध्यक्ष कल्पना कुमारी, संयुक्त सचिव आकांक्षा श्री, अध्यक्ष नेहा कुमारी, डॉली, काजल, चांदनी, अंशुमाला आरती, सृष्टि, भारती, रिचा, पूजा, दीक्षा, खुशबू, पल्लवी, विभा आदि उपस्थित रही। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य निमिता कुमारी ने किया। कॉलेज कर्मियों के की जा रही अवैध वसूली के संबंध में पूछे जाने पर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. मीना प्रसाद ने बताया कि छात्राओं के द्वारा एडमिशन के लिए इंटरनेट से निकालकर जो कागजात जमा किया जा रहा था, उसमें मात्र ऑनर्स पेपर का ही जिक्र था। सबसिडयरी पेपर का जिक्र नहीं है। कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्रोस्पेक्टस छपवाया गया है जिसमें सभी चीजों की जानकारी है। प्रोस्पेक्टस एवं फॉर्म दिया जा रहा था, जिसमें सारी चीजों की जानकारी थी। उन्होंने बताया कि छात्राओं ने जब इस पर आपत्ति की तो हमने प्रोस्पेक्टस एवं फार्म देने के लिए मना कर दिया। अब किसी भी छात्राओं से दो सौ पांच रुपये नहीं लिए जाएंगे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं से फार्म भरने के समय ली गई अवैध राशि के सवाल पर कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। किसी ने इसकी शिकायत भी उनसे नहीं की है।