प्रदूषण मुक्त मनाएंगे दीपावली, शहीदों के नाम जलाएंगे दीये
प्रकाश पर्व दीपावली की तैयारी प्रारंभ हो गई है। घर की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन का काम भी प्रारंभ हो गया है।
समस्तीपुर । प्रकाश पर्व दीपावली की तैयारी प्रारंभ हो गई है। घर की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन का काम भी प्रारंभ हो गया है। बच्चों में अभी से ही खुशी देखी जा रही है। इस वर्ष भी शिक्षाविद् और गण्यमान्य लोगों द्वारा प्रदूषणरहित दीपावली मनाने पर जोर दिया जा रहा है। स्कूली बच्चों को विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते हुए पटाखों से परहेज करने की सलाह दी जा रही है। इस बार देश की सुरक्षा में सरहद पर तैनात शहीद हुए सैनिकों के नाम पर एक दीप जलाने का लोगों ने मन बना लिया है।
सरहद की सुरक्षा में लगे सैनिक वीर सपूतों के नाम निश्चित रूप से दीपावली पर एक दीया जलना चाहिए। जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा की है, उनके लिए एक दीया जलाना हम प्रत्येक देशवासियों का कर्तव्य बनता है। इस दीये की रोशनी से एक नए संदेश का प्रसार होगा।
अमन कुमार सुमन, अनुमंडलाधिकारी, रोसड़ा
दीपावली के दिन शहीदों के लिए एक दीप जलाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जिनकी जान की कीमत पर देश और देशवासी सुरक्षित हैं, ऐसे शहीद सैनिकों के लिए दीये जलाने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी, वहीं परिजनों का भी हौसला बढेगा।
गौरी शंकर प्रसाद सिंह, सेवानिवृत्त प्राध्यापक, यूआर कॉलेज रोसड़ा
दीपावली में रंग-बिरंगी रोशनी और पटाखों से हुए प्रदूषण के कारण पर्यावरण पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है। इस असंतुलन की मार प्राकृतिक बदलाव के रूप में झेलनी पड़ रही है। विद्यालय के साथ-साथ अभिभावकों द्वारा भी अपने-अपने बच्चों को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का पाठ पढ़ाना चाहिए। -
डॉ. रामविलास राय, पूर्व प्रधानाचार्य, संस्कृत महाविद्यालय, रोसड़ा
अंधकार पर प्रकाश का विजय, यह पर्व निश्चित रूप से खुशी का त्योहार है। लेकिन आगामी पीढ़ी को भी इस खुशी का अहसास कराने के लिए प्रदूषण नियंत्रण भी आवश्यक है। पटाखों में आग लगाने से कहीं बेहतर है कि दीपावली के दिन अंधेरे घर को रोशन किया जाए। गरीबों का मुंह भी मीठा कराया जाए। - डॉ. परमानंद मिश्र, सेवानिवृत्त हिदी विभागाध्यक्ष, यूआर कॉलेज रोसड़ा