अपराध नियंत्रण को बनाया गया रेल साइबर सेनानी ग्रुप
रेल पुलिस ने सोशल मीडिया सहित अन्य साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस-जनता वाट्सएप रेल साइबर सेनानी ग्रुप का गठन किया गया है। समूह के गठन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की सहभागिता से साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना साइबर अपराध को रोकना तथा लोगों को जागरूक बनाना है।
समस्तीपुर । रेल पुलिस ने सोशल मीडिया सहित अन्य साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस-जनता वाट्सएप रेल साइबर सेनानी ग्रुप का गठन किया गया है। समूह के गठन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की सहभागिता से साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना, साइबर अपराध को रोकना तथा लोगों को जागरूक बनाना है। उक्त बातें रेल डीआइजी उमाशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को समस्तीपुर जंक्शन पर प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सभी रेल थानाध्यक्ष वैसे व्यक्तियों के वाट्सएप नंबर उपलब्ध कराएं, जो रेल पुलिस को अपराध नियंत्रण में सहयोग करते हैं। ताकि, उनके माध्यम से भी रेलवे परिसर में आपराधिक गतिविधियों की जानकारी तत्काल मिल सके और अपराधी को पकड़ा जा सके। डीआइजी ने कहा कि साइबर क्राइम के अधिकतर मामले जिला पुलिस बल के सामने आ रहे हैं। कुछेक मामले रेलवे में भी हैं। इसको लेकर आमजन को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपना बैंक खाता विवरणी, आधार संख्या, पैन नंबर सहित अन्य सूचनाएं दूसरों को न दें। इससे वे साइबर क्राइम से बच सकेंगे। डीआइजी ने दीपावली, गंगा स्नान व छठ पर्व में यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसकी समीक्षा की। रेलवे में जीआरपी और आरपीएफ की टीम चौकसी बरत रही है। विधि व्यवस्था को लेकर अब पुलिस बल के साथ-साथ अधिकारियों को भी गश्ती में लगाया जा रहा है। इससे जांच कार्य में भी बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। रेल थाना में फिलहाल 40 से 42 प्रतिशत स्वीकृत बल हैं। बुनियादी प्रशिक्षण को लेकर आधे से अधिक जवान उसमें प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसे में सभी ट्रेनों में स्कॉट नहीं हो पा रही है। राजकीय रेल पुलिस थाना के भवन का निर्माण राज्य सरकार द्वारा रेलवे की जमीन में ही जंक्शन के पास कराया जा रहा है। निर्माण कार्य की गति तीव्र करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि थाना आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित हो सके। मौके पर रेल पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह, रेल डीएसपी स्मिता सुमन आदि उपस्थित रहे। शराब पीने के वायरल वीडियो मामले की हुई जांच
हसनपुर रेल थाना बैरक में शराब पीने के वीडियो वायरल मामले की भी डीआइजी ने जांच की। इस संबंध में उन्होंने बताया कि वीडियो जुलाई में बनाया गया था। इस मामले की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया में थानाध्यक्ष समेत तीन को निलंबित किया गया था। इसमें पूर्ण साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। एफएसएल जांच के लिए ब्लड व यूरिन भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सभी के लिए बराबर कानून है। दोषी साबित होने पर पुलिस पर भी कार्रवाई की जाएगी। नशाखुरानी गिरोह पर कंट्रोल को रेल पुलिस चौकस
नशाखुरानी गिरोह पर कंट्रोल करने के लिए रेल पुलिस पूरी तरह से चौकस है। दुर्गा पूजा के अवसर पर विशेष रूप से टीम को लगाया गया था। इस बार दीपावली और छठ में भी इस पर नजर रखी जाएगी। टीम दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेनों में चौकस रहेंगे। ताकि, गिरोह पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जा सकेगा। जीआरपी भी रखेगी अपनी डॉग स्कवायड
राजकीय रेल पुलिस भी आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने को डॉग की मदद लेंगी। पहले से सिर्फ आरपीएफ के पास ही डॉग स्कवायड है। जीआरपी पटना में इसको लेकर डॉग कैनाल का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा डॉग को प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर के लिए भी आवास की व्यवस्था की जा रही है। रेल पुलिस की कार्यप्रणाली की डीआइजी ने की जांच
रेल पुलिस की कार्यप्रणाली और अपराध के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई को देखने रेलवे डीआईजी उमाशंकर प्रसाद शुक्रवार को समस्तीपुर पहुंचे। यहां पहुंच कर उन्होंने डीएसपी कार्यालय और राजकीय रेल थाना का निरीक्षण किया। इसके साथ रेल थाना व बैरक के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने डीएसपी स्मिता सुमन और रेल थानाध्यक्ष रंजीत कुमार को कई दिशा निर्देश दिए। डीआइजी ने डीएसपी कार्यालय में विभिन्न मामलों की संचिकाओं की जांच की। साथ ही रेल से जुड़े कई मामलों पर प्रगति को लेकर रेल डीएसपी से पूछताछ की। लंबित मामलों का उद्भेदन कर केस का जल्द संपादन करने, क्षेत्र के रेलवे में सक्रिय अपराधियों को चिह्नित कर इस पर कड़ी नजर रखने व रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त रखने का निर्देश दिया। समस्तीपुर जंक्शन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। साथ ही रेल पुलिस पदाधिकारियों से स्टेशन परिसर में अपराध नियंत्रण पर मंत्रणा की। इसमें आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के बारे में जानकारी ली। जंक्शन के प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध किए जाए। सीसीटीवी कैमरे की जांच की जाए। उन्होंने अपराध मुक्त रेल थाना बनाने हेतु जवानों को पूरी सतर्कता व मुस्तैदी से कर्तव्य निर्वहन करने का निर्देश दिया।