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विकासात्मक कार्यो में उदासीनता व मनमानी को ले पार्षदों ने नप ईओ को घंटों बनाए रखा बंधक

समस्तीपुर। रोसड़ा नगर परिषद के विकासात्मक योजनाओं में उदासीनता और मनमानी बरतने तथा मांगे जाने पर भी विभागीय पत्रों की जानकारी नहीं देने से आक्रोशित मुख्य पार्षद और पार्षदों ने कार्यपालक पदाधिकारी को घंटों बंधक बनाए रखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:54 PM (IST)
विकासात्मक कार्यो में उदासीनता व मनमानी को ले पार्षदों ने नप ईओ को घंटों बनाए रखा बंधक

समस्तीपुर। रोसड़ा नगर परिषद के विकासात्मक योजनाओं में उदासीनता और मनमानी बरतने तथा मांगे जाने पर भी विभागीय पत्रों की जानकारी नहीं देने से आक्रोशित मुख्य पार्षद और पार्षदों ने कार्यपालक पदाधिकारी को घंटों बंधक बनाए रखा। रोसड़ा नगर निकाय के इतिहास में पहली बार विकास के लिए स्वयं चेयरमैन को आंदोलन पर उतारू होना चर्चा में है। शुक्रवार को दोपहर बाद कई पार्षदों के साथ पहुंचे मुख्य पार्षद द्वारा योजनाओं एवं विभागीय पत्रों की मांगी गई जानकारी ईओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराने से आक्रोश भड़क उठा। सभी पार्षद मुख्य द्वार में तालाबंदी कर वही धरना पर बैठ गए। सूचना पर अनुमंडलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे कार्यपालक दंडाधिकारी अमरनाथ गुप्ता एवं पुलिस पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार के प्रयास से ताला खुलवाकर मुख्य पार्षद व पार्षदों के साथ कार्यपालक पदाधिकारी की वार्ता कराई गई। गहमागहमी के बीच 3 दिनों के अंदर सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के आश्वासन पर मुख्य पार्षद व पार्षदों ने तालाबंदी व धरना कार्यक्रम वापस लिया। साथ ही निर्धारित समय तक जानकारी नहीं देने और विकासात्मक कार्यों में तेजी नहीं लाने की स्थिति में सभी जनप्रतिनिधियों ने ईओ के विरुद्ध सड़क पर उतरने की चेतावनी दी। जानकारी के अनुसार मुख्य पार्षद द्वारा लगातार पत्राचार कर आवास एवं अन्य योजनाओं की स्थिति के साथ-साथ सरकार से प्राप्त पत्र और निर्देशों की जानकारी कार्यपालक पदाधिकारी से मांगी जा रही थी। मौखिक और लिखित रूप से मांगने के बावजूद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर शुक्रवार को दोपहर बाद पार्षदों के साथ पहुंचे मुख्य पार्षद कार्यपालक पदाधिकारी से सभी प्रकार की जानकारी देने और विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने की बात कर रहे थे। इस बीच पारदर्शिता के मद्देनजर एक पार्षद द्वारा वार्ता की वीडियोग्राफी की जा रही थी। जिस पर आपत्ति जताते हुए कार्यपालक पदाधिकारी अपने कुर्सी से खड़े हो प्रकोष्ठ से बाहर निकलने लगे। इसी से आक्रोशित हो पार्षदगण मुख्य द्वार में ही ताला जड़ धरना पर बैठ गए। धरना पर मुख्य पार्षद श्याम बाबू सिंह ने कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यकाल में घोर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए वरीय पदाधिकारी से जांच कराने की मांग की। उन्होंने किसी भी प्रकार की जानकारी मांगे जाने पर ईओ द्वारा नजर अंदाज करने का आरोप लगाते हुए कार्यालय में आम आदमी के साथ साथ पार्षद तक का पत्र रिसीव नहीं होने को भी पूर्णत: मनमानी करा दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री सात निश्चय से संबंधित विकासात्मक योजना की बदहाल स्थिति के लिए ईओ की उदासीनता एवं मनमानी को ही जिम्मेवार ठहराया। वही लिखित व मौखिक निर्देश के बावजूद बैठक नहीं बुलाने और कार्यपालक पदाधिकारी को दोपहर बाद कार्यालय पहुंचने पर भी आपत्ति जतायी। इसी बीच पुलिस बल के साथ पहुंचे दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के आग्रह पर दोनों पक्षों के बीच वार्ता के पश्चात तत्काल मामला शांत हुआ। मौके पर वार्ड पार्षद विनोद कुमार पासवान, सुनीता देवी, प्रभाकर कुमार निराला, मनोज कुमार पुर्वे,फरीद अली अंसारी, श्याम बाबू पटवा एवं राजेंद्र सहनी तथा पार्षदों के प्रतिनिधि के रूप में विकेश कुशवाहा, सुरेश सहनी, राजीव रंजन झा एवं मनीष रजक आदि मौजूद थे।

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