अगले कुछ दिनों में बनेंगे गरज वाले बादल, होगी हल्की वर्षा
समस्तीपुर । डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर बिहार के जिलों में गरज वाले बादल बनेंगे।
समस्तीपुर । डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर बिहार के जिलों में गरज वाले बादल बनेंगे। इसके कारण अगले 24 से 72 घंटे के दौरान हल्की वर्षा होने की भी संभावना है। इसका प्रभाव बिहार के उत्तर पश्चिम जिलों तथा तराई के क्षेत्रों में देखने को मिलेगा। मंगलवार को अगले 27 जनवरी तक के लिए जारी बुलेटिन में मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में गरज वाले बादल बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से अगले 24 से 72 घंटे के अंदर हल्की वर्षा अनेक स्थानों पर हो सकती है। खासकर बिहार के उत्तर-पश्चिम जिलों तथा तराई के क्षेत्रों में अधिक होने का अनुमान है। हालांकि मैदानी भागों के जिलों में भी इस मौसम सिस्टम का असर देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि इस दौरान अधिकतम तापमान 21 से 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। जबकि न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है। इस दौरान सापेक्ष आर्द्रता सुबह में करीब 85 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है।
वर्षा की संभावना को देखते हुए फसलों में ¨सचाई न करें
किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में हल्की वर्षा की संभावना को देखते हुए कृषि कार्यो में सतर्कता बरतें। फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव आसमान साफ रहने पर हीं करें। खड़ी फसलों जैसे-गेहूं, मक्का, आलू, मटर, चना एवं सब्जियों की फसल में इस समय ¨सचाई न करें। इसके लिए इंतजार कर सकते हैं। हल्दी एवं ओल की तैयार फसलों की फिलहाल खुदाई नहीं करने का भी सुझाव दिया है। खुदाई की गई हल्दी एवं ओल के कंद को सुरक्षित स्थानों पर भंडारित करने की भी सलाह दी है। समय से बोयी गई गेहूं की 40 से 50 दिनों की फसल में दूसरी ¨सचाई एवं अगात बोई गई गेहूं की फसल जो 60 से 65 दिनों की हो गई है, उसमें तीसरी ¨सचाई के लिए इंतजार कर सकते हैं। पिछात मक्का की फसल जो 50 से 60 दिनों की हो गई हो, उसमें 50 किलोग्राम नेत्रजन प्रति हेक्टेयर की दर से उपरिवेशन करें।