साफ-सफाई चकाचक, सुविधाएं नदारद, भौचक रह गई रेलवे बोर्ड की टीम
रेलवे बोर्ड की यात्री सुख-सुविधा समिति शुक्रवार को स्थानीय स्टेशन पर पहुंची। प्लेटफॉर्म नंबर एक से प्लेटफार्म नंबर आठ तक की यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। कहीं नल में जल नहीं मिला तो किसी नल में जरूरत से ज्यादा प्रेशर मिला। पे एंड यूज शौचालय में किसी का दरवाजा टूटा मिला तो कहीं फ्लश खराब मिला।
समस्तीपुर । रेलवे बोर्ड की यात्री सुख-सुविधा समिति शुक्रवार को स्थानीय स्टेशन पर पहुंची। प्लेटफॉर्म नंबर एक से प्लेटफार्म नंबर आठ तक की यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। कहीं नल में जल नहीं मिला तो किसी नल में जरूरत से ज्यादा प्रेशर मिला। पे एंड यूज शौचालय में किसी का दरवाजा टूटा मिला तो कहीं फ्लश खराब मिला। कोई टॉयलेट तो घुप अंधेरे में मिला। प्लेटफार्म की फर्श टूटी हुई मिली तो कई जगहों से बेंच गायब मिला। प्लेटफॉर्म नंबर आठ पर एक वाटर सप्लाई नलका के ऊपर टूटे ढक्कन व उसमें फैले मच्छर को देख टीम के सदस्यों ने उसे अविलंब बंद करने और उसपर एक नोटिस बोर्ड चस्पा करने का निर्देश दिया। प्लेटाफॉर्म संख्या एक से 8 तक के निरीक्षण के दौरान सदस्यों को अधिकांश कमी पेयजल व फर्श की टूटी फूटी व्यवस्था में ही मिली। बोर्ड के सदस्यों ने अविलंब एईएन से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश डीईएन को दिया। सदस्यों ने कई स्टॉल, आरओ वाटर सप्लाई सिस्टम, रिटायरिग रूम का भी जायजा लिया। बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए टीम के सदस्य डॉ. अजीत कुमार सिंह, वीर कुमार यादव, हिमाद्री जी एवं परशुराम महतो ने बताया कि हमने डेढ़ सौ से अधिक स्टेशनों का जायजा लिया है। साफ-सफाई के मामले में यह काफी बेहतर है। यहां एफओबी है। एक्सलेटर है। लिफ्ट है। कई कमियां मिली हैं। इसे अविलंब दूर करने का निर्देश दिया गया है। यहां के अधिकारी यंग है। डायनेमिक हैं।
रेलवे बोर्ड की चार सदस्यीय टीम करीब पांच बजे समस्तीपुर पहुंची। प्लेटफॉर्म संख्या एक से यात्री सुविधाओं का जायजा लेना आरंभ किया। लगेज स्केनर को अविलंब ठीक कराने का निर्देश मिला। इसके अलावा स्टेशन के बाहरी हिस्से में भी एक टॉयलेट बनाने का निर्देश दिया।
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आरओ वाटर प्यूरीफायर से पानी सर्व करने वाले के हाथ में मिला गंदा ग्लब्स
प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे वाटर प्यूरीफायर सर्व करने वाले के हाथ में पड़े ग्लोब्स को देख टीम के सदस्य हिमाद्री जी ने देखा। कहा, अरे यह तो सर्जिकल ग्लब्स है। उसे क्यों पहने हों उसपर यह पीला भी है। कैसे तुम इसे पहने हो? किसने कहा है पहनने के लिए? इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
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कोई असुविधा तो नहीं है
एफओबी से प्लेटफॉर्म पर जाने के क्रम में सदस्य अजीत कुमार सिंह ने पुल पर खड़े एक परिवार से पूछ लिया। कोई दिक्कत तो नहीं है? साफ-सफाई कैसी है? महिला और उसके पति ने साफ-सफाई पर संतुष्टि जताते हुए कहा नहीं पहले से काफी बेहतर हुआ है।
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बाथरूम का गेट क्यों टूटा हुआ है
टीम के सदस्य हिमाद्री जी जब पे एंड यूज शौचालय का निरीक्षण करने गए तो एक-एक बाथरूम को चेक किया। एक बाथरूम को अंधेरा देख उसमें अविलंब प्रकाश की व्यवस्था करने को कहा। वहीं एक बाथरूम का गेट टूटा देख उसे भी अविलंब ठीक करने को कहा। पूछा क्या आप इन टूटे दरवाजे के अंदर स्नान कर सकते हैं? दिव्यांगों के लिए बने शौचालय के रैंप को अविलंब ठीक करने का भी निर्देश दिया।
आरपीएफ व जीआरपी से भी ली जानकारी
टीम ने आरपीएफ व जीआरपी के सदस्यों से घटना की विवरणी ली साथ ही बच्चों के रेस्क्यू करने और उसको गंतव्य तक पहुंचाने के बारे में भी जानकारी ली। जीआरपी थानाध्यक्ष की गैरमौजूदगी में पहुंचे एक एएसआई को सही जानकारी नहीं देने को लेकर फटकार भी लगाई।
इनकी रही मौजूदगी
टीम के साथ वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सरस्वतीचंद्र, एएमई अमिताभ राय, डीइएन शैलेंद्र कुमार सिंह, डीईएन एके गुप्ता, आइओडब्लू हरिशंकर, स्वास्थ्य निरीक्षक एनके दास, उमेश प्रकाश, स्टेशन अधीक्षक जयप्रकाश, कमल राम, सुधांशु के अलावा जदयू के प्रदेश महासचिव डा. दुर्गेश राय, जिला उपाध्यक्ष देवनाथ सिंह, प्रधान महासचिव तकी अख्तर समेत दर्जनों अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।