रघुनाथपुर में केवल पुरुष ही करते हैं छठ व्रत
जिले के मोरवा प्रखंड स्थित ररियाही पंचायत के रघुनाथपुर गांव में केवल पुरुष ही छठ व्रत करते हैं।
समस्तीपुर । जिले के मोरवा प्रखंड स्थित ररियाही पंचायत के रघुनाथपुर गांव में केवल पुरुष ही छठ व्रत करते हैं। पर्व से संबंधित सारे कार्य पुरूष व्रतियों के द्वारा खुद की जाती है। छठ व्रत के लिए पवित्र मिट्टी लाकर चूल्हा बनाने एवं प्रसाद के लिए गेहूं को धोकर उसे सुखाने का काम भी वहीं करते हैं। नहाए खाए के दिन अरबा चावल का भोजन करते हैं। दूसरे दिन उपवास रखने के बाद शाम में खरना का प्रसाद ग्रहण करते हैं। उपवास रखते हुए दिन भर प्रसाद बनाते हैं एवं भगवान सूर्य को अर्पित करने के लिए सारे पकवान एवं नैवेद्य अपने ही हाथों से तैयार करते हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह व्रत उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न करते हैं। पूरी तरह नेम-निष्ठा और पवित्रता के साथ इस पर्व को किया जाता है। इस गांव के पुरुषों के द्वारा छठ करने की परंपरा सैकड़ों वर्ष पूर्व से चली आ रही है। मुखिया फूलन कुमार ¨सह के अनुसार रघुनाथपुर के सभी पुरुष सैकड़ों वर्षो से अपने पूर्वजों के द्वारा शुरू की गई परंपरा को अपनाए हुए हैं। यहां की महिलाएं पुरुषों को मात्र थोड़ी- बहुत मदद करती हैं। बाकी सारा काम पुरुष छठ व्रती खुद करते हैं। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार यहां के पूर्वज भगवान महावीर और सूर्य पुत्र कर्ण के अनुयायी है। जिस परिवार में पुरुष लाचार, बीमार या वृद्ध हैं, उसी घर की महिलाएं यहां अब छठ करने लगी हैं। मोरवा प्रखंड के ररियाही पंचायत में सांप्रदायिक सौहार्द के बीच छठ महापर्व संपन्न किया जाता है। इस पंचायत में मुस्लिम दंपती भी पूरी श्रद्धा एवं पवित्रता के साथ छठ पूजा करते हैं। पंचायत के वार्ड संख्या दो के मो. एनुल की पत्नी छठ करती हैं। उनके साथ उनका पूरा परिवार छठ में रहता है। हिन्दु व्रतियों के द्वारा किए जाने वाले सारे नियमों एवं विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं। इस बार भी यह परिवार छठ कर रहा है। इस दंपती ने नहाए खाए के साथ छठ पर्व का संकल्प लिया। सोमवार को दिनभर उपवास रखने के बाद रात में खरना का प्रसाद बना ग्रहण किया। स्थानीय मुखिया फूलन कुमार ¨सह के अनुसार इस दंपती को दूसरे जगह के मुसलमान छठ करने के कारण प्रताड़ित करते हैं। ¨कतु समाज के लोग इस परिवार के साथ है। उनकी सुरक्षा से लेकर हर जरूरत का ख्याल रखते हैं। प्रशासन के द्वारा भी इन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराया जाता है। इस दंपती के साथ गांव के लोग किसी प्रकार का कोई भेदभाव भी नहीं करते। इसी तरह सरायरंजन प्रखंड के बथुआ पंचायत अंतर्गत डीहबारनी पोखर पर भी दर्जनों मुस्लिम महिलाएं छठ व्रत करती हैं। वह सब भी एक साथ पर्व करती हैं।