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चंदा रे, मेरे भैया से कहना बहना याद करे

रक्षाबंधन के त्योहार का सभी भाई-बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है। साल में एक बार आनेवाले इस त्योहार के दिन भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 12:19 AM (IST)
चंदा रे, मेरे भैया से कहना बहना याद करे
चंदा रे, मेरे भैया से कहना बहना याद करे

समस्तीपुर । रक्षाबंधन के त्योहार का सभी भाई-बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है। साल में एक बार आनेवाले इस त्योहार के दिन भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। इस बार रक्षा बंधन का त्योहार 15 अगस्त गुरुवार को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन का त्योहार मनाए जाने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख कारण है श्रावण पूर्णिमा। पंचांग और ज्योतिष के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 15 अगस्त यानी गुरुवार को है। यही वजह है कि इस बार भाई-बहन के इस स्नेह के त्योहार को 15 अगस्त को मनाया जाएगा।

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भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा। इस बार न ग्रहण की छाया है, न ही भद्रा का झंझट है। बहनों को अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए गुरुवार को पूरे दिनभर का समय मिल रहा है। इस दिन बहनें भाइयों को राखी बांधकर रक्षा का वचन लेंगी, वहीं भाई उनको उपहार भेंट करेंगे।

राखी बांधने का मुहूर्त

पंडित आचार्य सुमंत झा कहते हैं कि भद्रा बुधवार 14 अगस्त को दिन में 2:27 से लगकर रात्रि 3:35 तक रहेगी, इसलिए गुरुवार 15 अगस्त को प्रात:काल से दिनभर तक रक्षाबंधन मनाया जाएगा। 15 अगस्त को दिन में 12:55 तक सौभाग्य योग है। उसके पश्चात शोभन योग लग रहा है, जो इस वर्ष के रक्षाबंधन में विशेष संयोग बना रहा है।

राखी बांधने की विधि

रक्षाबंधन के दिन बहनें प्रात: स्नान आदि से निवृत्त होकर वेदोक्त विधि से रक्षाबंधन, पित्र तर्पण और ऋषि पूजन करें। रक्षा के लिए रेशम आदि का उपयोग करें। उसमें सरसों, सुवर्ण, केसर, चन्दन, अक्षत और दुर्वा रखकर रंगीन सूत के डोरे में बांधें और अपने मकान के शुद्ध स्थान में कलशादि स्थापना करके उस पर उसका विधि विधान से पूजन करें। इसके पश्चात उसे बहन भाई को दाहिने हाथ में इस मंत्र के उच्चारण के साथ बांधे।

हर भाई-बहन को रहता है इस दिन का इंतजार

काशीपुर के अमरेश कुमार की बहन ममता कोलकता में रहती है। कहते हैं प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन का वेसब्री से इंतजार रहता है। वे हर साल छुट्टी लेकर अपनी बहनों से राखी बंधवाने जाते हैं। भाई- बहन के इस मधुर और पवित्र रिश्ते से जुड़े पर्व को कभी मिस नहीं करना चाहते हैं। अधिक ड्यूटी करने के कारण समय का अभाव है, बावजूद वे रक्षाबंधन में बहन के यहां पहुंचेंगे। पेठियागाछी मुहल्ले के शिव कुमार की बहन बैंक में पीओ हैं। उनके पास समय का बहुत अभाव रहता है, लेकिन वे इस पर्व को कभी मिस नहीं करना चाहती हैं। हर हाल में फुर्सत निकालकर पेठियागाछी अपने भाई के यहां पहुंच जाती है। इस वर्ष भी वह अपने भाई को राखी बांधने पहुंची हुई है। उनके भाई शिव कुमार को भी इस दिन का इंतजार रहता है। वह भी बहन के आने का इंतजार करते रहते हैं।

रंगे-बिरंगी राखियों से सजा बाजार

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार राखी को लेकर शनिवार को बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। बड़े-बडे़ स्टॉल लगा कर दुकानदारों ने दुकानों को खास रूप से सजाई थी। राखी के त्योहार के लिए अलग-अलग डिजाइन और स्टाइल की राखियां बाजार में उपलब्ध थी। इनमें क्रिस्टल, जरकन, मोती और रुद्राक्ष की राखियों की भरमार है। रंग-बिरंगी डोरियां भी आकर्षक डिजाइन में उपलब्ध हैं। खरीदारी के लिए महिलाएं और युवतियां भी बाजार में पहुंचने लगी हैं। राखी के लिए पूजा की थालियां भी बाजारों में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 100 रुपये से शुरू होकर 400-500 तक की है। ब्रेसलेट राखी भी खास डिजाइन में 15 से 250 रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है। चाइनीज राखियों को दुकानों पर कम ही सजाया गया है। बच्चों के लिए विशेष कार्टून की राखियां बाजार में उपलब्ध हैं।

डायमंड लगी राखियां भी रहीं उपलब्ध

रक्षाबंधन पर इस बार समस्तीपुर में डायमंड लगी राखियां मंगाई गई थी। रेशमी डोर के बीच दमकते हीरे के कई टुकड़े लगाकर सजाई गई हैं। बाजार में डायमंड वाली राखियों की कीमत 4 हजार रुपये से शुरू है। दुकानदार बताते हैं कि इस महंगी राखी की मांग ही बहुत कम है। इसके अलावा रुद्राक्ष, कलरफूल स्टोन, अमेरिकी डायमंड आदि से सजी राखियों की मांग बाजार में सबसे अधिक है। ब्रेसलेट की तरह छोटे-छोटे रंगीन पत्थरों से सजी राखियां भी पसंद की गई।

राखियों की हुई ऑनलाइन शॉपिग

रक्षा बंधन पर वैसे तो जगह-जगह राखी की दुकानें सज गई हैं। लेकिन, काफी संख्या में लोग शॉपिग साइट से डिजाइनर राखियां खूब मंगवाई गई। इन साइट पर हजारों डिजाइन की राखियां है। अन्य उत्पादों की तरह राखियों पर भी भारी-भरकम डिस्काउंट इन शॉपिग साइट पर दिए जा रहे हैं। बहनों से दूर रहने वाले भाइयों तक आसानी से राखी डिलीवर करने की सुविधा भी मिल जा रही है। हालांकि स्थानीय दुकानदार ऑनलाइन शॉपिग के कारण कारोबार प्रभावित होने की बात कहते हैं।

सोने-चांदी की राखी भी खूब बिकी

इस बाजार में सोने-चांदी की राखी की धूम रही। सोने चांदी के विक्रेता अनिल कुमार कहते हैं कि सोने-चांदी वाली राखी 400 से 500 रुपये की रेंज में मंगाई गई है। तकरीबन सौ राखियों की बिक्री हुई है। आगे से डिमांड को देखते हुए और अधिक राखी मंगाई जाएगी। बाजार में नहीं बची मिठाई रखा बंधन को लेकर इस बार शहर की सभी मिठाई दुकानों पर खरीदारों की लाइन लगी रही। शाम होते-होते ग्राहकों को खाली लौटना पड़ा। दुकानदार बताते हैं कि खोआ की मिठाई तथा काजू बर्फी की खूब डिमांड रही। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने मनाया अलौकिक रक्षाबंधन महोत्सव . प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बिहार संचालिका रानी दीदी ने रक्षाबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे तो कोई भी बंधन दुखदायी होते हैं, लेकिन रक्षाबंधन को सही अर्थो में मनाकर हम अनेक दुखदायी बंधनों से छूट सकते हैं। इस पावन दिवस पर तीन चीजों का विशेष महत्व होता है। राखी, तिलक और मिठाई। आज हम मन-वचन-कर्म की पवित्रता व दृढ़ता की राखी बांधें। हमारे सत्य स्वरुप आत्मा का प्रतीक आत्म-स्मृति का तिलक लगाएं और मुख से सदैव मधुर, सुखदायी बोल बोलने की मिठाई खाएं व खिलाएं तो हमें परमात्मा शिव पिता द्वारा सुख-शांति-समृद्धि का जीवन उपहार में मिलेगा। अभी स्वयं भोलेनाथ शिव बाबा इस धरती पर आए हुए हैं और हम इस मौके का लाभ उठाकर स्वयं को उनके साथ सर्व संबंधों के बंधन में बांध लें तो सदा-सदा के लिए हमारी विकारों, दुर्गुणों व बुराइयों से रक्षा हो जाएगी।


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