मर रहे मवेशी, चिकित्सक नहीं पता कर पा रहे बीमारी
समस्तीपुर। पशुओं के पैर एवं मुंह में बीमारी फैलती है। पहले उठने में दिक्कत होती है फिर मुंह का पाझ बंद हो जाता है।
समस्तीपुर। पशुओं के पैर एवं मुंह में बीमारी फैलती है। पहले उठने में दिक्कत होती है फिर मुंह का पाझ बंद हो जाता है। देखते ही देखते दो-तीन दिन बाद पशुओं की मौत हो रही है। चिकित्सकों की टीम पशुओं की मौत के कारणों का सही पता नहीं लगा पा रही है। सर्रा की बीमारी समझकर स्थानीय चिकित्सक पशुओं का इलाज कर रहे हैं। जितवारपुर की कई पंचायतों में यह स्थिति कायम है। मोरवा में भी यह बीमारी फैली है। इसके पहले कल्याणपुर और सरायरंजन में भी पशुओं की मौत हो चुकी है। किसान जब तक इलाज के लिए कुछ समझ पाते हैं, उससे पहले ही पशुओं की मौत हो जाती है। अब यह बीमारी जितवारपुर के इलाके में फैल गया है।
जितवारपुर डीह निवासी खिखर साह, जयप्रकाश राय, रामबदन राय, जितेंद्र राय, भोला राय आदि किसानों के पशु मर चुके हैं। लगातार पशुओं की मौत को लेकर पशुपालक परेशान हैं। वे कहते हैं कि यह अजनबी बीमारी है। पशुओं का इलाज करा रहे हैं, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा पा रहा है। पिछले माह जितवारपुर डीह के ही संगम राय, शेखर राय, श्यामसुंदर राय, रंजीत राय, वशिष्ठ राय, साजन राय, रामनारायण पंडित के 24 पशुओं की मौत हो चुकी है। सामाजिक कार्यकर्ता रामबदन राय बताते हैं कि पशुओं की मौत होने पर पशु चिकित्सालय पर मौजूद डाक्टरों को सूचना दी गई है। वहां से एक चिकित्सक भी आए, लेकिन उनकी दवा-सूई रखी रह गई। इससे पूर्व हकीमाबाद वार्ड पांच निवासी रामबाबू राय, गोरेलाल राय आदि के पशुओं की मौत हो गई। जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. समीर कुमार सिंह ने बताया कि जिन गांवों के बारे में जानकारी मिलती है, वहां डाक्टरों की टीम भेजी जा रही है। पशुओं में खुरपका-मुंहपका बीमारी फैलने के लक्षण मिल रहे हैं। ऐसे में पशुपालकों को इस मक्खी से पशुओं को बचाने के लिए साफ जगह पर रखना चाहिए। पूर्व में सरायरंजन, मोरवा एवं कल्याणपुर में ऐसी बीमारी की जानकारी मिली है। वहां टीकाकरण कराया जा रहा है। बहुत जल्द पूरे जिले में टीकाकरण की रफ्तार तेज होगी। इधर, मिथिला मिल्क यूनियन की ओर से भी समितियों से जुड़े पशुओं का टीकाकरण कराया जा रहा है। कोट वन
एफएमडी(खुरपका-मुंहपका) रोग से पशुओं की मौत हो रही है। अभी तक सरायरंजन, मोरवा एवं कल्याणपुर में पशुओं के मरने की सूचना मिली। वहां टीकाकरण कराया जा रहा है। अब अन्य क्षेत्रों में भी टीकाकरण होगा।
डा. समीर कुमार सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी पशुओं के मौत की सूचना मिली थी। इस कारण हमारा दुग्ध संग्रहण भी प्रभावित रहा। मिथिला मिल्क यूनियन की ओर से तीन चिकित्सकों की टीम लगातार पशुओं के टीकाकरण का कार्य कर रही है। इसमें प्राथमिकता दुग्ध उत्पादन समिति से जुड़े पशुपालकों को दी जा रही है।
डीके श्रीवास्तव
प्रबंध निदेशक, मिथिला मिल्क यूनियन