Move to Jagran APP

शिव मंदिर फलहारी स्थान में जलाभिषेक करने से भोलेनाथ की कृपा जल्द प्राप्त होती है

समस्तीपुर। समस्तीपुर जिला मुख्यालय से इलमासनगर रोड में महज तीन किलोमीटर की दूरी पर वारिसनगर प्रखंड के हांसा पंचायत के नागरबस्ती गांव में स्थित शिव मंदिर फलहारी स्थान के नाम से प्रसिद्ध शिवालय है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 11:40 PM (IST)
शिव मंदिर फलहारी स्थान में जलाभिषेक करने से भोलेनाथ की कृपा जल्द प्राप्त होती है

समस्तीपुर। समस्तीपुर जिला मुख्यालय से इलमासनगर रोड में महज तीन किलोमीटर की दूरी पर वारिसनगर प्रखंड के हांसा पंचायत के नागरबस्ती गांव में स्थित शिव मंदिर फलहारी स्थान के नाम से प्रसिद्ध शिवालय है। यहां पर सन1964 ई.से शिवलिग स्थापित है। इस शिवलिग की काफी महत्ता है। इतिहास

loksabha election banner

बताया जाता है यहां पर एक साधु निवास करते थे। वह सिर्फ फल खाकर ही रहते थे। अंतिम समय में उन्होंने यहां पर जीवंत समाधि ली थी। तभी से यह स्थान फलहारी स्थान के नाम से विख्यात हो गया। किवदंतियों के अनुसार हीरालाल साह के पिता स्व.दोरिक साह एवं माता स्व. सब्जी देवी के लोटा में एक पत्थर गिर गया। जिसे लाख प्रयास के बावजूद पत्थर को बाहर नहीं निकला जा सका। फिर सब्जी देवी को एक दिन स्वप्न आया कि मंदिर निर्माण कर इसे स्थापित करो। उन दिनों उसके पास मंदिर बनाने के लिए पैसा नहीं था। उसके बाद उनके व्यवसाय में दिन- दुना रात चौगुना वृद्धि होने लगी। तब जाकर सन 1964 में फलहारी स्थान के बगल में मंदिर निर्माण कर उस पत्थर को शिवलिग के रूप में स्थापित किया गया। इसलिए यह शिव मंदिर फलहारी स्थान के नाम से प्रसिद्ध हुआ। विशेषता

लोगों का मानना है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आते हैं, उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन के पावन महीने में लोग सिमरिया और झमटिया से गंगा जल लेकर पैदल आकर बाबा का जलाभिषेक करते हैं। महेन्द्र प्रसाद ठाकुर कहते हैं कि सावन के प्रत्येक सोमवारी को तो यहां काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते है और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। यहां जो श्रद्धालु सच्चे मन से आते हैं, उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कहते हैं पुजारी वैसे तो सालों भर यहां आकर लोग पूजा-पाठ करते रहते हैं। परंतु सावन के पावन महीने में लोग सिमरिया व झमटिया से गंगा जल लेकर पैदल यहां पहुंचते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवारी को भक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। सावन महीने में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। भोलेनाथ की कृपा जल्द प्राप्त होती है।

पंडित धनंजय झा, पुजारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.