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बज्जिका के सुमधुर साहित्यिक कृति है 'बड़हियावाली'

समस्तीपुर। बज्जिका के लोक शैली आ साहित्य शैली में अभी एक्कर भाषायी गुणवत्ता आ विकास के लेल साहित्य शैली पर अधिक ध्यान देबे के आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:49 PM (IST)
बज्जिका के सुमधुर साहित्यिक कृति है 'बड़हियावाली'

समस्तीपुर। बज्जिका के लोक शैली आ साहित्य शैली में अभी एक्कर भाषायी गुणवत्ता आ विकास के लेल साहित्य शैली पर अधिक ध्यान देबे के आवश्यकता है। बज्जिका के अप्पन बहुत्ते शब्द वैभव है जे या तऽ बिला गेल या बिलाय पर लागल है। जरूरी है कि ओकरा खोज बीन कऽ प्रयोग में लाएल जाए। संस्कृत के तत्सम शब्द के अस्तूरा ले कऽ छील-छाल करे के जगह प्रचलित तदभव शब्द के आ न तऽ तत्समे के उपयोग में की हरज है। उक्त बातें चर्चित गीतकार ईश्वर करूण ने कही। वे बिहार राज्य बज्जिका विकास परिषद के 26वां स्थापना दिवस पर समस्तीपुर शाखा की ओर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में के दौरान अपना वक्तव्य दे रहे थे। इस कार्यक्रम में डा बज्जिकानंदन द्वारा रचित नाटक 'बड़हियावाली' पर गहन चर्चा की गयी। बीचयू के छात्र अभय ने कहा कि गांव के नाम पर औरतों को ससुराल में पुकारा जाना बज्जिका की मौलिक परंपरा है। रंगकर्मी सुधांशु चक्रवर्ती ने 'बड़हियावाली' को मंचन योग्य बताते हुए कहा कि अतिशीघ्र कलाकारों द्वारा इसकी सार्वजनिक प्रस्तुति की जाएगी। बेचू प्रसाद साह विनोद ने कहा कि नाटक में नायिका द्वारा नायक के जूठा पानी पिलाकर बज्जिकांचल में मौजूद प्रेमपूर्ण गृहस्थी का जीवंत उदाहरण पेश किया गया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में महासचिव हरिनारायण सिंह हरि

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ने परिषद के उपलब्धि, कार्य और उद्देश्यों को बतलाते हुए 'बड़हियावाली' नाटक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नाटक में जगह - जगह पर

कुडलियां छंद के बहुतायत प्रयोग से कृति सरस और मनभावन हो गया है। जयराम सिंह ने इसे बज्जि्का की सुमधुर कृति बतलाया। मुख्य अतिथि ई रामनरेश

शर्मा ने कहा कि बज्जिका में उम्दा साहित्य का सृजन लगातार हो रहा है। बज्जिकानंदन की यह कृति इसका ज्वलंत उदाहरण है। अध्यक्षता गीतकार ईश्वर करूण ने की। संचालन मुकेश कुमार मृदुल ने किया। कार्यक्रम को अभिलाषा कुमारी, स्नेहा, ध्रुव कुमार, डॉ विद्या चौधरी आदि ने भी संबोधित किया। बज्जिका के इस वर्चुअल कार्यक्रम में दर्जनों बज्जिकाभाषी ऑनलाइन


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