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कोशिशें बहुत, मगर प्रसव वार्ड की व्यवस्था नहीं सुधरी

अस्पतालों में प्रसव वार्ड की स्थिति में सुधार हुआ है। व्यवस्था को पहले से अधिक सुदृढ़ किया गया है, लेकिन महिला चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की कमी की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 11:06 PM (IST)
कोशिशें बहुत, मगर प्रसव वार्ड की व्यवस्था नहीं सुधरी

समस्तीपुर । अस्पतालों में प्रसव वार्ड की स्थिति में सुधार हुआ है। व्यवस्था को पहले से अधिक सुदृढ़ किया गया है, लेकिन महिला चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की कमी की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। इससे इतर सदर अस्पताल के महिला वार्ड में मरीज व्यवस्था के मर्ज से जूझ रहे हैं। यहां व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है। प्रसव कक्ष की व्यवस्था दुरुस्त करने के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से वार्ड में मरीजों की सुविधाओं के इंतजाम को दुरुस्त नहीं किया गया है। इस कारण प्रसव के बाद प्रसूता को अव्यवस्थाओं से परेशानी होती है। पुराने हो चुके बेड के गद्दे भी फट चुके हैं। लेकिन मरीज मजबूरीवश उन्हीं पर अपना इलाज कराती हैं।

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जहां बीमार लोग इलाज को पहुंचते हैं, वहीं की स्थिति अगर बीमार हो तो इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है। जहां से स्वच्छता के प्रति जागरुकता का संदेश दिया जाता हो, लोगों को साफ-सफाई व स्वच्छता बरतने की सलाह दी जाती हो, अगर वहीं साफ-सफाई व स्वच्छता का पूरा-पूरा ख्याल नहीं रखा जाता हो तो इसे भी दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है। जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में साफ-सफाई व स्वच्छता का पूरा-पूरा ख्याल नहीं रखा जाए तो पीएचसी, एपीएचसी, रेफरल अस्पताल आदि से इसकी अपेक्षा रखना भी बेमानी होगी।

मुंह चिढ़ा रहा शौचालय

महिला वार्ड के समीप शौचालय की किबाड़ भी टूटी हुई है। शौचालय में गंदगी का अंबार है। यह शौचालय उपयोग करने लायक नहीं रह गया है। इसके चारों ओर गंदगी पसरी है। जबकि इस शौचालय से सटे ही महिला वार्ड है। यहां गंदगी रहने से महिला वार्ड के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। न तो इस शौचालय का दुरुस्त कर चालू करवाया जा रहा है और न ही इसे तोड़कर यहां साफ-सफाई ही रखी जा रही है। यह स्थिति सदर अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था को आईना दिखा रहा है। मरीजों को नहीं मिलता शुद्ध पेजयल

सदर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा जहां लोगों को शुद्ध पेयजल सेवन करने की सलाह दी जाती है, वहीं इस परिसर में ही इस पर अमल नहीं किया जाता है। मरीजों को शुद्ध पीने का पानी मिले, इसके लिए आरओ लगाया गया था। लेकिन वह लंबे समय से खराब है। सदर अस्पताल में बनेगा मातृ-शिशु अस्पताल

सदर अस्पताल में 20 करोड़ रुपये की लागत से मातृ-शिशु अस्पताल बनाया जाएगा। प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की बेहतर देखभाल की जाएगी। करीब 100 बेड के इस अस्पताल में सभी तरह की सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इससे मां और नवजात से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से पहल की गई है।

सदर अस्पताल में हर संभव मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव वार्ड की सुविधा सुदृढ़ की गई है। जल्द ही सदर अस्पताल में एमसीएच निर्माण कराकर मरीजों को वार्ड की बेहतर सुविधा दी जाएगी।

डॉ. विवेकानंद झा,

सिविल सर्जन, समस्तीपुर।


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