अपने उत्पाद को बेहतर बनाकर बाजार में उतारने की दी सलाह
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के प्रसंस्करण व खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा ठहरा पंचायत में कटाई के उपरांत प्राथमिक प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन शनिवार को किया गया।
समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के प्रसंस्करण व खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा ठहरा पंचायत में कटाई के उपरांत प्राथमिक प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन शनिवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता अमरीश कुमार ने कहा कि 10 से 20 प्रतिशत आनाज भंडारण एवं रखरखाव के कारण बर्बाद हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा जो पुरानी परंपरागत विधि अनाज रखने की है, उसमें वैज्ञानिक तकनीक जोड़ दिया जाए तो किसानों के अनाज महीनों बाद भी बेहतर रहेंगे। उन्होंने अनाजों को संरक्षित रखने के साथ-साथ प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में भी चर्चा करते हुए कहा कि जरुरत है अपने उत्पादों को बेहतर बनाकर बाजार में उतारने की। जिससे आपके उत्पादित फसलों की अच्छी कीमत प्राप्त हो सके। इसके लिए हमें समूह बनाकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि एक आलू जिसकी कीमत 20 पैसे से 25 पैसे होंगे लेकिन उसी आलू को मूल्य संवर्धन करने के लिए बाजार में चिप्स बनाकर पैकेट में बंद कर बेचा जाए तो वह 10 रुपए में बिकेंगे। किसानों को नवीनतम तकनीक के साथ-साथ कृषि में खर्च को कम करने के लिए कृषि यंत्रों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की भी सलाह दी। अभियंत्रण महाविद्यालय द्वारा इस किसान गोष्ठी में कृषि यंत्रों का प्रदर्शनी लगाया गया। किसानों को विभिन्न जानकारी दी गई। मौके पर विश्वविद्यालय के सह निदेशक अनुसंधान डॉ. एनके पी सिंह ने भी किसानों को विस्तारपूर्वक कृषि यंत्र से लेकर अनाज के भंडारण पर बताया। मौके पर इंजीनियर मुकेश श्रीवास्तव, विशाल कुमार, डॉ प्रतिभा देवी शर्मा, इंजीनियर दिनेश रजक, हरिओम प्रसाद, प्रवीण कुमार सहित विश्वविद्यालय के कई वैज्ञानिक मौजूद थे।