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एसिड अटैक मामले में दो आरोपितों को 12 वर्षो का सश्रम कारावास

पांच वर्ष पूर्व हसनपुर थाना के बनभौरा में एक युवक पर हुए एसिड अटैक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिंह ने दो आरोपितों को 12-12 वर्षो के सश्रम कारावास तथा 20- 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश पारित किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 06:38 AM (IST)
एसिड अटैक मामले में दो आरोपितों को 12 वर्षो का सश्रम कारावास

समस्तीपुर । पांच वर्ष पूर्व हसनपुर थाना के बनभौरा में एक युवक पर हुए एसिड अटैक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिंह ने दो आरोपितों को 12-12 वर्षो के सश्रम कारावास तथा 20- 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश पारित किया है। दोनों आरोपित भूषण यादव एवं बमबम यादव बनभौरा के ही निवासी हैं। न्यायालय द्वारा सोमवार को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। जिसमें भादवि की धारा 326 ए (34) में 12 वर्षो का सश्रम कारावास तथा 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वही धारा 326 /34 में 10 वर्षो का कठोर कारावास एवं 5 हजार जुर्माना अदा करने का आदेश पारित किया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जबकि धारा 342/24 में एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलाने का आदेश पारित करते हुए न्यायालय ने आरोपितों से मिलने वाले जुर्माने की राशि पीड़ित को भुगतान करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सरकार पक्ष से अपर लोक अभियोजक शिवशंकर प्रसाद यादव तथा बचाव पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता उपेंद्र ठाकुर एवं लक्ष्मी नारायण यादव ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की।

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दोनों पंजा काट चेहरे पर डाला था एसिड

5 वर्ष पूर्व 12 जून 2014 को हसनपुर थाना के बनभौरा निवासी शिव सागर यादव के पुत्र विकास कुमार को पकड़ कर आरोपितों ने घर में बंद कर दिया था और हाथ-पैर बांधने के पश्चात दोनों पंजा काटकर चेहरे पर एसिड उड़ेल दी थी। विकास अपने मौसा के गांव बहोरवा जा रहा था इसी क्रम में गांव के निकट ही आरोपितों द्वारा उसे पिस्टल के बल पर कब्जे में ले लिया गया था। नृशंस घटना के पश्चात आरोपितों से जान बचाकर भागे विकास की आवाज पर लोगों ने उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान पुलिस को दिए गए बयान में गांव के ही भूषण यादव, मुकुल यादव, बम बम कुमार, उमा यादव, संजीत यादव खट्टर यादव आदि को नामजद किया था। जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा चार के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था। जिसमें से दो आरोपित आज भी फरार बताए जाते हैं। दूसरी ओर घटना के पश्चात महीनों जिदगी मौत से जूझ कर आज भी बगैर दोनों हाथ और झुलसा हुआ चेहरा लिए विकास उस दिन को याद कर फफक पड़ता है।


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