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चकसलेम की 40 फीसद आबादी खुले में जाती है शौच

यहां के 40 प्रतिशत से अधिक लोग खुले में शौच जाते हैं, फिर भी पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:25 PM (IST)
चकसलेम की 40 फीसद आबादी खुले में जाती है शौच
चकसलेम की 40 फीसद आबादी खुले में जाती है शौच

समस्तीपुर । यहां के 40 प्रतिशत से अधिक लोग खुले में शौच जाते हैं, फिर भी पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। यह है पटोरी प्रखंड की चकसलेम पंचायत का सच। पिछले वर्ष के अंत में इसे ओडीएफ घोषित कर समारोहपूर्वक प्रमाण-पत्र भी दे दिया गया, किंतु सच्चाई यह है कि यहां की आधी आबादी आज भी खुले में शौच जाती है। 15 वार्ड वाली इस पंचायत के लगभग सभी वार्ड पूरी तरह ओडीएफ नहीं हैं, बावजूद इस पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया। कई वार्ड ऐसे हैं, जहां 40 प्रतिशत और उससे अधिक लोग खुले में शौच जाते हैं। रेलवे लाइन, वाया नदी तथा पंचायत के खेत इसके प्रत्यक्ष गवाह हैं। इस पंचायत में कई दलित बस्ती हैं, जहां आज भी शौचालय नसीब नहीं हुआ। सबसे बुरा हाल वार्ड नं. 11 का है, जहां 40 प्रतिशत से अधिक लोग खुले में शौच कर रहे हैं। वार्ड नं. 10, 14 और 15 में 30 प्रतिशत से ज्यादा लोग खुले में शौच करते हैं। अन्य वार्ड की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं है। इस आंकड़े के बावजूद इसे ओडीएफ घोषित कर दिया जाना बताता है कि कागजी आंकड़े और धरातल के सच में कितना फर्क है। दैनिक जागरण द्वारा की गई पड़ताल में जब चकसलेम पंचायत का जायजा लिया गया तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकलकर सामने आए। पूछे जाने पर अधिकांश लोगों ने बताया कि उनके पास पैसा है ही नहीं तो शौचालय कहां से बनवाएंगे। सरकार हमें शौचालय बनाने के बाद राशि उपलब्ध कराती है। बहुत लोगों ने कहा कि रहने के लिए जमीन है ही नहीं तो शौचालय कहां बनाएंगे। जबकि कुछ लोगों ने कहा कि कर्ज लेकर शौचालय तो बनवा लिया, किंतु आज तक उसका पैसा नहीं मिल सका है। ज्ञात हो कि शौचालय बनवाने के बाद सरकार की तरफ से 12 हजार रूपये की राशि दी जाती है। इस संबंध में कई लोगों ने यह भी बताया कि एक मीटर नीचे गड्ढ़ा बनाकर शौचालय का निर्माण कराना, यह स्थायी समाधान नहीं है तो फिर क्यों ऐसा शौचालय बनाएंगे।

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भूमि रहने के बावजूद पैसे के अभाव में शौचालय नहीं बनवा सकी। यदि पैसे उपलब्ध हो जाते तो घर की बहू-बेटियों को खुले में शौच नहीं जाना पड़ता। बटोरनी देवी, चकसलेम

रहने के लिए जमीन ही नहीं है। ऐसी हालत में शौचालय बनवाना एक बड़ी समस्या है। काफी इच्छा है कि अन्य लोगों की तरह उसके घर में ही शौचालय होता, किंतु यह नसीब ही नहीं।

फूलो देवी, चकसलेम फोटो: 13 एसएएम 10

पैसे के अभाव में शौचालय का निर्माण नहीं करवा सका। यदि राशि पहले ही उपलब्ध करा दी जाती तो शायद शौचालय बन जाता। पेट भरने के लिए दिन-रात परिश्रम करने के बाद भी पैसा बचता ही नहीं कि शौचालय बनवाया जा सके। - संत लाल साह, लोदीपुर

पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है फिर भी अभी कई वार्ड के लोग शौचालय से वंचित हैं और खुले में शौच जाते हैं। प्रयास किया जा रहा है कि सभी लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाय। बचे लोग शौचालय निर्माण कराएं। पंचायत की ओर से उन्हें शीघ्र राशि उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।

कृष्णा देवी, मुखिया चकसलेम

लोग शौचालय में जाएं, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बहुत लोग ऐसे भी हैं जो शौचालय रहते हुए भी खुले में शौच जाते है। इसके लिए कई जगह अभियान शुरू कर दिया गया है। जागरूकता के माध्यम से ही इस समस्या का निदान संभव है। प्रशासन द्वारा शौचालय की राशि के भुगतान का कार्य अंतिम चरण में है।

नवकंज कुमार, बीडीओ, पटोरी


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