कठडुमर कोसी नदी घाट पर चचरी पुल तैयार, आवागमन चालू -- लीड
सहरसा। हर साल की भांति बाढ़ खत्म हो जाने के उपरांत कोसी नदी के जलस्तर कम हो जाने के बाद
सहरसा। हर साल की भांति बाढ़ खत्म हो जाने के उपरांत कोसी नदी के जलस्तर कम हो जाने के बाद नदी के विभिन्न घाटों पर चचरी पुल का निर्माण कई वर्षों से किया जाता रहा है। इस बार दीपावली के एक माह के बाद नदी के विपरीत धारा के कारण चचरी पुल का काम पूरा हो पाया। रविवार से कठडुमर कोसी नदी घाट पर चचरी पुल पर आवागमन शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही दियारावासियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी है।
कठडुमर कोसी नदी घाट पर पूर्वी एवं पश्चिमी छोर पर अलग-अलग दो चचरी पुल की लंबाई लगभग 1000 मीटर बतायी जा रही है। निर्माणकर्ता की मानें तो इस चचरी पुल में लगभग 5 से 6 लाख का खर्च हुआ है। निर्माणकर्ता कठडुमर पंचायत के पूर्व सरपंच बेचू यादव ने बताया कि इस पुल के निर्माण में जहां क्षेत्र के ग्रामीणों कुछ बांस का सहयोग मिला है वहीं उन्होंने दो हजार बांस खरीद कर इस चचरी पुल में लगाया है। मजदूर एवं अन्य सामग्री में पांच से छह लाख की लागत आयी है। इस पुल के बन जाने से एक बार फिर तटबंध के बाहर व भीतर वालों को आवागमन की सुविधा मिल गई है। अब लोग रात्रि व दिन में अपना सफर आसानी से कोसी नदी पार कर कई जिलों को जा सकते हैं। यही नहीं से दो माह पूर्व ही कोसी नदी की उप धारा के आगर दह में चचरी पुल निर्माण का काम पूरा हो चुका है। इस पुल होकर चारपहिया से राहगीर शहरबन्नी होते हुए खगड़िया, दरभंगा, समस्तीपुर इत्यादि आवागमन करते हैं।
---
कठडुमर घाट पर स्थायी पुल की कई वर्षों से हो रही है मांग
---
लाखों की आबादी के लिए कठडुमर आगर दह कोसी नदी घाट पर स्थायी पुल के लिए जिला प्रशासन एवं सरकार से कोसी दियारा वासियों ने कई वर्षों से पुल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि सरकार के किसी भी तरह का कोई अभी तक वहां पर पुल बनाने का आश्वासन नहीं मिल पाया है। पुल निर्माण संघर्ष समिति के सचिव रणविजय सिंह कहते हैं कि हम लोग संघर्ष करते रहेंगे। सरकार व जनप्रतिनिधियों पर इसका दवाब बनाते रहेंगे