गरीबों को देखनेवाला ही बनेगा पालनहार
सहरसा। सोमवार के दिन 12.15 बजे सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर इंटरसिटी एक्सप्रेस
सहरसा। सोमवार के दिन 12.15 बजे सहरसा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर इंटरसिटी एक्सप्रेस खड़ी थी। तभी टिकट चेक कर रहे सीनियर टीटीई रंजीत कुमार सिंह आकर कहते हैं कि कहीं चलना है तो मैंने कहा कि- नहीं, बस विधानसभा चुनाव को लेकर यात्रियों से बात करनी है। सहरसा- राजेंद्रनगर के बीच चल रही इंटरसिटी एक्स्प्रेस की सामान्य बोगी के डी-15 में सवार हुए कि पांच मिनट के अंदर ही ट्रेन सीटी बजाते हुए खुल गयी। बोगी में पूरी सीट तो भरी नहीं थी लेकिन यात्री आराम से बैठे हुए थे। तभी यह पूछे जाने पर कि इ बेर चुनाव केहन रहतैय..। बगल में सीट नंबर 52 पर बैठै मो. नसीम कहते हैं कि चुनाव तो हो ही रहा है। सबको पता है कौन किसको वोट देगा। तभी तपाक से एक महिला बोलना शुरू कर देती है कि लॉकडाउन में सब मजदूर केय पैदल आबै पड़लैय.. नय खायके मिले रहैय न रहैलेय देय रहैय.. जान बचाकेय भागे पड़लेय और पूछे छिये चुनाव केहन रहतेय। सरकार अपन पेट भरेय छेय। जरूरत पड़ेय पर नेता सब घरे घर घूमे छैय। जैकर पास लाठी- पैसा छैय उकरे सरकार सुनैय छैय। गरीब केय कोई देखेवाला नैय छैय। महिला से नाम पूछा गया तो बोली कि नाम नैय छपेबैय। तब तक उसी बोगी में बैठी एक महिला कहती है कि गरीबों को देखनेवाला ही पालनहार बनेगा। तब तक ट्रेन की रफ्तार धीमी होने लगी। बाहर झांककर देखा तो सोनवर्षा कचहरी स्टेशन आनेवाला था। 12.28 बजे सोनवर्षा कचहरी स्टेशन पर ट्रेन रुकी। ट्रेन के रुकते ही मैं भी उतरकर दूसरी बोगी डी-10 में चढ़ गया। बोगी में पहले से ही लोग चुनावी चर्चा में व्यस्त थे। बोगी में गणेश गुप्ता एवं पप्पू गुप्ता सपरिवार यात्रा करते हुए मिले। गणेश कहते हैं कि विकास के नाम पर वोट देंगे। राज्य में अच्छा काम हो रहा है। तभी बगल में बैठे महेश्वर उनकी बात काटते हुए कहते है कि कहां काम अच्छा हुआ है। महंगाई बढ़ गयी है। पहले बरौनी जाने में कितना का टिकट लगता था। गणेश बोले कि 40 रुपया। आज कितना लगा वे बोले। 80 रुपये। यहीं विकास हुआ..। किसानों का मक्का नहीं बिक रहा है। भूसा से सस्ता मक्का बिक रहा है। जब तक परिवर्तन नहीं होगा किसी का भला नहीं होगा। एक आदमी के पीछे पूरा हिन्दुस्तान लग गया है। दोनों के बीच बहस हो रही थी कि तब तक सिमरीबख्तियारपुर स्टेशन आ गया। ठीक 12.40 बजे सिमरीबख्तियारपुर में ट्रेन रुकी तो ट्रेन से उतरकर बोगी नंबर डी-9 में चढ़ गया।
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ट्रेन अपनी स्पीड में चल रही थी। 12.42 में ट्रेन सिमरीबख्तियारपुर से खुली तो बोगी नंबर 9 में चुनाव के बारे में हाल चाल पूछने पर बगल में बैठे यात्री राधेश्याम ने कहा कि सरकार बढि़या है। इसी पर उनके सामने सीट पर बैठी महिला जुलो देवी ने कहा कि घर में रसोई गैस मिला। धुंआ से निजात मिली। कभी सोचा नहीं था कि घर में गैस जलाने को मिलेगा। इसी बीच वृद्ध दयानंद कहते हैं कि इस बार पहले वाली बात नहीं है। कोरोना ने सबको रुला दिया है। रोजगार छिन गया। इस बार बदलाव होगा। इसीलिए इस बार लोग सोच समझ कर प्रत्याशी चुनेंगे। इसी बीच ट्रेन कोपरिया स्टेशन पर 12.50 बजे ट्रेन रुकी। ट्रेन के रूुकते ही बोगी नंबर डी- 10 में बैठे यात्रियों से बाहर से पूछा कि चुनाव का क्या हाल है? तो बोगी में बैठे कमल किशोर महतो, नीतू कुमार राय, पप्पू कुमार, संजय महतो कहने लगेकि हमलोगों का क्षेत्र महिषी को सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा में जोड़कर गलत किया है। महिषी का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। लेकिन वोट करेंगे। सही प्रत्याशी को चुनेंगे। इसी बीच ट्रेन सीटी देते हुए खुल गयी। इसके बाद कोपरिया स्टेशन से बाहर निकला और सड़क मार्ग से सहरसा लौट गया।