जाम के कारण कभी भी जा सकती है लोगों की जान
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा शहर को दो भागों में विभक्त करनेवाली रेल लोगों के सिरदर्द बन
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा शहर को दो भागों में विभक्त करनेवाली रेल लोगों के सिरदर्द बन गया है। रेलवे की मनमानी के कारण कभी भी लोगों की जान जा सकती है। शहर के मुख्य बाजार होकर रेल लाइन बिछी हुई है। इन रेल लाईन के कारण ही शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। शहर के बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढ़ाला पर हमेशा वाहनों सहित लोगों की आवाजाही होती है। यह दोनों रेलवे ढ़ाला मार्ग अति महत्वपूर्ण मार्ग है। सहरसा स्टेशन पर इंजन शंटिग के लिए अब बंगाली बाजार सहित गंगजला रेलवे ढाला दोनों एक साथ गिरता और उठता है। पहले यह व्यवस्था नहीं थी। पहले बंगाली बाजार का ही रेलवे बैरियर गिरा रहता था। इमरजेंसी वाले लोग गंगजला रेलवे ढ़ाला का उपयोग करते थे तो लोगों का काम चल जाता था। लेकिन सहरसा यार्ड का विस्तार के दौरान रेल निर्माण से जुडे अधिकारियों ने शहर की जरूरतों को नजरअंदाज कर मनमाने ढंग से शंटिग प्वाइंट गंगजला रेलवे ढाला के बाद बना दिया। जिस कारण अब कोई भी इंजन को शंटिग के लिए गंगजला रेलवे ढाला पार करना मजबूरी बनी हुई है। जिस कारण बंगाली बाजार एवं गंगजला रेलवे ढाला का बैरियर हर हमेशा गिरा ही रहता है। जिस कारण हर हमेशा दोनों मुख्य मार्ग में सडक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हर रोज जाम में एम्बुलेंस फंस जाता है। जिसमें गंभीर मरीज रहते है। ऐसे में किसी मरीज की जान जाम में फंसने के कारण एम्बुलेंस में ही हो जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बुधवार को भी एक एम्बुलेंस गंगजला चौंक व ढाला के बीच घंटो फंसा रहा। बाद में किसी तरह ट्रैफिक पुलिस उसे निकलवाने में सफल हुए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संयोगवश कोई हादसा नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि यह समस्या लगातार बनी हुई है। गंगजला रोड में व्यवसाय करनेवाले मो लड्डन, शंभू उपाध्याय, सुभाष भगत सहित अन्य का कहना है कि दिन भर हमलोग जाम से ही परेशान रहते है। एक तो दुकानदारी चौपट हो गयी है। वहीं रेल अधिकारी को जनता के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए कि आखिर लोग किधर से शहर में जाएंगे। लेकिन शहरवासियों की अनदेखी करते हुए मुख्य मार्ग में ही रोज जाम लगाने की स्थिति उत्पन्न कर दी है। ऐसे में कभी-कभी दमकल जैसी गाडियों को भी घंटो जाम में फंसा रहना पडेगा। आखिर यह किसकी लापरवाही सामने आएगी।
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सुरक्षा को लेकर ही शंटिग प्वाइंट बनाया गया है। लेकिन फिर भी लोगों की समस्या को देखते हुए वरीय संरक्षा अधिकारी से वैकल्पिक व्यवस्था बनाए जाने का अनुरोध किया गया है। निर्देश आने के बाद ही इस मामले में कोई पहल की जा सकती है।
आरके जैन, मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल