उपयोग से पहले बेकार हुए शौचालय
सहरसा। संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिले के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। जिले में ओडीएफ प्लस की कार्रवाई प्रारंभ हो गई। इसका खास मकसद लोगों को खुले में शौच की प्रवृति त्यागने के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिले में तीन लाख परिवार को शौचालय उपलब्ध कराना था। इसमें एक लाख से अधिक जरूरतमंदों को पूर्व से ही शौचालय उपलब्ध था।
सहरसा। संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिले के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। जिले में ओडीएफ प्लस की कार्रवाई प्रारंभ हो गई। इसका खास मकसद लोगों को खुले में शौच की प्रवृति त्यागने के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिले में तीन लाख परिवार को शौचालय उपलब्ध कराना था। इसमें एक लाख से अधिक जरूरतमंदों को पूर्व से ही शौचालय उपलब्ध था। अभियान के तहत एक लाख 80 हजार 652 परिवार को प्रोत्साहन राशि देकर शौचालय बनवाया गया, परंतु, इसमें 30 से 40 फीसद लोग शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे हैं। कोई इसे जलावन, उपला रखने तो कोई बकरी बांधने में इसका उपयोग कर रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में शौचालय उपयोग से पहले ही ध्वस्त हो चुका है। अभी भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं। इससे स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों को धक्का लग रहा है।
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लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत निर्मित व्यक्तिगत शौचालय
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लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत जिले के सभी 10 प्रखंडों के एक लाख 80 हजार 652 परिवार का शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे शत-प्रतिशत पूरा किया जा चुका है। परंतु इसमें हजारों शौचालय अनुपयोगी हो गए।
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प्रखंड -निर्मित शौचालय
बनमा इटहरी- 9170
कहरा- 20212
महिषी- 16792
नवहट्टा- 14572
पतरघट- 15731
सलखुआ- 21030
सत्तरकटैया- 14727
सिमरीबख्तियारपुर- 26558
सोनवर्षा- 18864
सौरबाजार- 22996
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ओडीएफ टू का मुख्य मकसद समुदाय को खुले में शौच की प्रवृति त्यागने के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। इसके अलावा जिन जरूरतमंद परिवारों को शौचालय नहीं है, उन्हें यह सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
डा. सोनम कुमारी
समन्वय जिला स्वच्छता समिति, सहरसा।