आधुनिक ¨सचाई प्रणाली से होगा जल संरक्षण
सहरसा। सोमवार को अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में कृषि ¨सचाई एवं जल संरक्षण पर व्याख्यान आयोजित किया ग
सहरसा। सोमवार को अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में कृषि ¨सचाई एवं जल संरक्षण पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा. राणाजयराम ¨सह, ई. विमलेश पांडेय, कार्यक्रम समन्वयक डा. राजीव कुमार ¨सह एवं दानिश चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत पूजा कुमारी, जयश्री,सोनी और जयश्रीराज के स्वागत गीत से हुआ। तत्पश्चात संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कृषि अगवानपुर केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक ई. विमलेश कुमार पांडेय ने जल संरक्षण एवं कृषि ¨सचाई वर्तमान एवं पौराणिक विधियों की जानकारी दी। जिनमें सतही विधि के अन्तर्गत, बॉडर विधि, चेक बेसिन विधि, नाली विधि एवं दबाव नियंत्रित यांत्रिक विधि के अन्तर्गत स्प्रींकल प्रणाली ड्रीप प्रणाली के साथ सूक्ष्म प्रणाली शामिल है। कहा कि इन विधियों से ¨सचाई किए जाने से जल का संरक्षण संभव है। प्राचार्य डा. राणा जयराम ¨सह ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। यहां पूर्व से ही कृषि का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने जल समस्या पर ¨चता प्रकट करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से जलसंरक्षण के प्रति लोग जागरूक होंगे। कार्यक्रम समन्वयक डा. राजीव कुमार ¨सह ने कहा कि जल संरक्षण एवं कृषि सिचाई के आधुनिक तकनीक को आत्मसात कर ही जल संरक्षण की कामना की जा सकती है। आधुनिक प्रणाली की जानकारी देते हुए शिक्षकों को इसके प्रयोग की सलाह दी। रणधीर कपूर के संचालन में संपन्न इस कार्यक्रम में एमडी, एवं बीएड के छात्राध्यापक प्रदीप कुमार, रघुनाथ कुमार राघव, शंकर कुमार मंडल, राजीव कुमार, संजीव कुमार ¨सह, चिरंजीव कुमार मिश्र आदि मौजूद रहे।