बाढ़ की आहट होते ही कोसी नदी में उतरा लाल पानी
सहरसा। कोरोना महामारी के बीच बाढ़ की आहट ने कोसीवासियों की परेशानी बढ़ गई है। को
सहरसा। कोरोना महामारी के बीच बाढ़ की आहट ने कोसीवासियों की परेशानी बढ़ गई है। कोसी नदी में लाल पानी उतरने के साथ ही लोग सहम गये हैं। कारण है कि लाल पानी के साथ ही कोसी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है। इसके चलते तटबंध के अंदर बसे गांवों के लोगों को कटाव व विस्थापन की चिंता सताने लगी है।
हर वर्ष की तरह इसबार भी मई माह में कोसी के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। जानकारों की मानें तो शुरूआती माह जून तक नदी के जलस्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव से कटाव का खतरा बना रहता है। ऐसे में इस वर्ष ग्राम सुरक्षात्मक कार्य में हो रही बिलंब से कई गांव के लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ सकता है। कोसी पीड़ित संघर्ष मोर्चा के संयोजक अनवर आलम, कोठिया के मोहन बिंद, बघवा के पिटू यादव, बेलडावर के राजाराम पासवान, विशनपुर के राजो यादव सहित अन्य का कहना है कि इस वर्ष ग्राम सुरक्षा योजना के तहत सभी संवेदनशील स्थलों पर बंबू पाईलिग का कार्य करवाया गया है जिसमें जियो बैग तक नहीं दिया गया है। बिशनपुर में तो संवेदक द्वारा जेसीबी द्वारा नदी के किनारे मिट्टी काटकर ही बोरा क्रेटिग का कार्य किया गया जो बाढ़ के समय इस गांव के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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विद्यालयों में बने क्वाटंराइन सेंटर, कहां बनेगा आश्रय स्थल
कोरोना महामारी के संकट काल में बाहर से अपने गांव लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए सभी पंचायतों के विद्यालय भवन में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। अगर ये बाढ़ के समय तक चलता रहा तो बाढ़ के दौरान आश्रय स्थल की तलाश में प्रशासन को परेशानी उठानी पड़ सकती है।