वसुधा केंद्रों की लापरवाही के शिकार हो रहे किसान
सहरसा: कृषि विभाग ने किसानों को दी जानेवाली हर सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
सहरसा: कृषि विभाग ने किसानों को दी जानेवाली हर सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है। हर गांव में वसुधा केन्द्रों के माध्यम से किसानों का पंजीकरण किया भी जा रहा है, परंतु किसानों को जानकारी के अभाव और वसुधा केन्द्रों पर शुल्क वसूली कर भरी जा रही अपुष्ट सूचना के कारण किसान परेशान हो रहे हैं। सही और पर्याप्त सूचना नहीं भरे जाने के कारण बड़ी संख्या में किसान डीजल अनुदान से वंचित रह गए। अब इनपुट अनुदान के लिए किए जा रहे ऑनलाइन आवेदन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की सूचना मिल रही है।
---------------------
अपुष्ट आवेदनों को विभाग से किया जा रहा है निरस्त
---
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि किसानों द्वारा ऑनलाइन फसल क्षति आवेदन करने के क्रम में कुल प्रभावित रकवा जो भिन्न- भिन्न थाना एवं खेसरा नंबर का है, को एक ही थाना नंबर एवं खेसरा नंबर में अंकित किया जा रहा है, जो तकनीकी ²ष्टिकोण से सही नहीं है। यदि प्रभावित जमीन का रकवा एक थाना नंबर एवं खेसरा नंबर में नहीं है, तो इसका उल्लेख पृथक रूप से किया जाना है। जो नहीं किए जाने से आवेदक अनुदान के लाभ से वंचित हो रहे हैं। किसानों को इसकी जानकारी नहीं मिल रही है, परंतु विभाग द्वारा ऐसे आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है।
----------
डीजल अनुदान के महज 38 हजार आवेदन हुए स्वीकृत
-------------
जिले में अबतक एक लाख 31 हजार 232 किसानों का पंजीकरण किया गया है। इसमें सामान्य वर्ग के 95173, अनुसूचित जाति के 24418, अनुसूचित जनजाति के 4912, अल्पसंख्यक वर्ग के 6335 किसान शामिल है। इसमें से एक से अधिक ¨सचाई के डीजल अनुदान के लिए 51769 आवेदन पड़े, जिसमें मात्र 38938 आवेदन ही स्वीकृत हुए। इसमें त्रुटि के कारण अधिकांश आवेदन निरस्त कर दिया गया। और किसान लाभ से वंचित हो गए।
------------------
वसुधा केन्द्रों पर किसानों से शुल्क की वसूली तो की जाती है, परंतु सही तरीके से सभी कॉलम को भरा नहीं जाता, ऐसे आवेदनों को मुख्यालय से निरस्त कर दिया जाता है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ रही है। इसके लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकारों को निदेश दिए गए हैं।
दिनेश ¨सह
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।