संसाधन की कमी के चलते धरातल पर नहीं उतर रही पा रही योजनाएं
सहरसा: पर्यावरण संरक्षण सरकार की प्राथमिकता सूची में है। कोसी प्रभावित सहरसा जिले को ग
सहरसा: पर्यावरण संरक्षण सरकार की प्राथमिकता सूची में है। कोसी प्रभावित सहरसा जिले को ग्रीन सहरसा का रूप देने के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। संसाधनों और कर्मियों की कमी के कारण भले ही योजनाएं शत-प्रतिशत धरातल पर नहीं उतर पा रही हो रही हो। परंतु सरकार द्वारा लगाए गए बायोमैट्रिक प्रणाली का असर वन विभाग के कार्यकलाप पर जरूर देखा जा रहा है। मंगलवार को जब दैनिक जागरण टीम ने वन विभाग कार्यालय का निरीक्षण किया तो महसूस किया गया कि भले ही लोगों के कार्यों के निष्पादन में विलंब होता तो, परंतु सभी कर्मी समय से कार्यालय पहुंच रहे हैं।
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समय 10.09 बजे
कार्यालय का मुख्य द्वार खुला था। पोर्टिकों में उजले रंग की स्कार्पियों लगी थी। कार्यालय के कक्षों में झाड़ू पड़ रहा था। सभी कुर्सियां खाली पड़ी थी। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी के वेश्म का दरवाजा खोलकर हब अंदर प्रवेश किया तो वे कुछ कागजातों को निहार रहे थे। देखते ही कहा कि आप जिस मकसद से आए हैं। उसका समय अर्थात कार्यालय खुलने का समय 10.30 है, इंतजार कीजिए। हम जरूरी कार्य से पहले आकर बैठ जाते हैं।
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समय 10.31 बजे
दोबारा कार्यालय प्रवेश करते ही बरामदे की कुर्सी पर एक व्यक्ति बैठा था। पूछने पर बताया कि उनका नाम चन्द्रमणि यादव है। वे इस कार्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मी है। खड़े एक व्यक्ति ने अपना नाम मिश्रीलाल यादव बताया कहा कि वे साहब के यहां दूध देने आते हैं। बगल के कमरे में कम्प्यूटर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर अंकित कुमार काम कर रहे थे।
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समय 10. 35 बजे
दोबारा डीएफओ के वेश्म में प्रवेश किया, इसी बीच मधेपुरा के वनक्षेत्र पदाधिकारी पीआर सहाय प्रवेश कर गए। बातचीत का क्रम का प्रारंभ ही हुआ कि सहरसा के वनक्षेत्र पदाधिकारी ललितेश झा भी कक्ष में दाखिल हुए। वे लोग गंगा वृक्षारोपण अभियान और नमामि गंगे अभियान की चर्चा करने लगे। इस बीच कर्मियों के आने की आहट होने लगी।
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समय 10.40 बजे
डीएफओ संजय प्रकाश कार्यालय में बुलाकर कर्मियों का परिचय कराने लगे। उन्होंने संविदाकर्मी प्रभुल्लचन्द्र झा, सहायक सुरेश कुमार के बाद प्रधान सहायक का खोज किया। बताया कि ये हमारे प्रधान सहायक केशोलाल उरांव हैं। कार्यालय सहायक छाया विश्वास के बारे में पूछने पर कहा गया कि अभी नहीं आई, जैसे ही टीम कमरे से निकलने लगी, छाया विश्वास का भी आगमन हो गया। उनके पीछे न्यायालय शाखा प्रभारी, स्थापना शाखा सहायक रामदेव चौधरी व चालक अशोक कुमार साह भी कक्ष में आए। डीएफओ ने कहा कि सभी लोग अपनी-अपनी सीट पर जाकर बैठ जाइए। डीएफओ विभाग के कार्यों के संबंध में बताने लगे। तत्पश्चात टीम वापस लौट गई।