तटबंध की सुरक्षा में आधे-अधूरे बालू भरे बोरा का हो रहा इस्तेमाल
सहरसा। पूर्वी कोसी तटबंध के नाजुक ¨बदुओं पर कोसी नदी के दबाव को नियंत्रण करने के लिए सब
सहरसा। पूर्वी कोसी तटबंध के नाजुक ¨बदुओं पर कोसी नदी के दबाव को नियंत्रण करने के लिए सबसे कारगर और सटीक इस्तेमाल किए जाने वाला बालू भरा बोरा आधे अधूरे स्थिति में ही उपयोग में लाया जा रहा है। ई टु स्पर व रिटायर बांध के करीब लगातार डेढ़ महीने से नदी का भारी दबाव बना हुआ है। उर्दू प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर के पिछले भाग में इन दिनों नदी का घुमावदार पानी लगातार पूर्व के कटाव निरोधात्मक कार्य एवं वर्तमान समय में किए गए सुरक्षात्मक कार्य को धीरे-धीरे अपने में समा रही है। जल संसाधन विभाग कई संवेदकों के जरिए यहां काम करवा रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अफरातफरी मची है। कार्य की अफरातफरी के बीच बालू भरा बोरा निर्धारित मानक के विपरीत दिए जा रहे हैं। संवेदकों को विभाग द्वारा नायलन जाल लोहे के तार की जाली एवं खाली सीमेंट का बोरा दिया जाता है। संवेदकों को प्रत्येक बोरा में एक सेफ्टी लगभग 50 किलो लोकल बालू मजदूर के द्वारा डालकर सिलाई कर उपयोग में लाना है । तटबंध पर जहां तहां रखे गए भंडारित बालू के अलावे उपयोग किए गए बोरे में 10 से 15 किलो बालू डालकर सिलाई कर इस्तेमाल में लाया जाता है । सरकार द्वारा प्रत्येक बालू पर 14 रूपया से अधिक की मजदूरी दी जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार बोरे में पूरी मात्रा में बालू भरे नहीं होने से सुरक्षा ²ष्टिकोण से भी कमजोर पड़ जाता। पूर्वी कोसी तटबंध सुपौल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता महेश प्रसाद ¨सह इससे इनकार करते हैं। उन्होंने कहा कुछ बोरे में मात्रा कम होती है संवेदकों को इसमें सुधार लाने का निर्देश दिया जाएगा ।