कोसी में फिर भटकेगा बचपन
------------------ सहरसा। मानसून आ चुका है। नेपाल में भी बरसात शुरू हो चुकी है। कोशी में
------------------
सहरसा। मानसून आ चुका है। नेपाल में भी बरसात शुरू हो चुकी है। कोशी में पानी का उतार-चढ़ाव शुरू है। कोशी में पानी का उतार-चढ़ाव देख तटबंध के अंदर रहने वाले लोग भी पलायन की तैयारी में हैं। ऐसे में कुछ माह के लिए पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच बसे 375 गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता दिख रहा है।बिहार का शोक मानी जाने वाली कोशी को सरकार ने बांध तो दिया लेकिन दो पाटों (पूर्वी व पश्चिमी तटबंध) के बीच रहने वाली लाखों की आबादी आज तक इस पीड़ा से मुक्त नहीं हो पायी। एक तो पुनर्वास योजना धरातल पर पूरी तरह उतर नहीं पायी और दूसरी ओर इन दो पाटों के बीच रहने वाली आबादी के जीवन में बदलाव के लिए समुचित विकास कार्य नहीं हुए। दीगर है तटबंध के अंदर रहने वाली आबादी के बच्चों के लिए सरकार ने स्कूल बनवा दिये। कागज में इन स्कूलों में शिक्षक भी पदस्थापित हैं लेकिन अधिकांश स्कूलों से शिक्षक गायब रहते हैं। बावजूद इसके इन गांव के बच्चों के लिए ये स्कूल कम नहीं हैं। यहां स्कूलों में गूृंजने वाला कहकहरा बच्चों के साथ अभिभावकों का बड़ा सकून देता है।
---
हर साल भटकता है बचपन----
सलखुआ प्रखंड के पिपरा बगेवा के सियाराम यादव बताते हैं कि उनका भतीजा पहली कक्षा में है। बाढ़ आने के बाद परिवार की औरतें व बच्चे को गांव से बाहर छोड़ देंगे। वो बताते हैं कि हर साल यही होता है। कोशी में पानी बढ़ेगा तो गांव खाली करना होगा। फिर स्कूल जाने की ¨चता किसे होगी। ऐसे अनेक सियाराम और उनके परिवार की ये कहानी है। कोशी के खौफ से अनजान ये बच्चे अपने गांव, अपने स्कूल और अपने दोस्तों से दूर हो जाते हैं। कभी तटबंध पर तो कभी अपने रिश्तेदारों के घर ये बच्चे भटकते रहते हैं।
----स्कूलों में होती है बाढ़ की छुट्टी
----बाढ़ प्रभावित इलाकों में विभाग बाढ़ की छुट्टी देती है। इस दौरान यहां ताला लटकता रहता है। सहरसा के सलखुआ, सिमरीबख्तियारपुर, महिषी, नवहट्टा के लगभग 250 स्कूलों है। जबकि सुपौल के सदर प्रखंड, किशनपु़र, मरौना व सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड में लगभग डेढ़ सौ स्कूल हैं। यही हाल मधेपुरा जिले के आलमनगर, चौसा, फुलौत आदि इलाके का है।
बीईओ के रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ प्रभावित स्कूलों में छुट्टी दी जाती है। फिलहाल ऐसी कोई सूचना नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद बाढ़ की छुट्टी दी जाएगी।
रामाशंकर ¨सह क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक