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सहरसा के मंदिरों में दीप जलाकर लोगों ने मनाई दीपावली

सहरसा। अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:17 PM (IST)
सहरसा के मंदिरों में दीप जलाकर लोगों ने मनाई दीपावली
सहरसा के मंदिरों में दीप जलाकर लोगों ने मनाई दीपावली

सहरसा। अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने पर बुधवार को शहर में लोगों ने दीप जलाकर दीपावली मनायी। लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वर्षो की मुराद पूरी हुई। शहर के महावीर चौक् स्थित महावीर मंदिर पर स्थानीय लोगों ने मंदिर में 251 दीप जलाए और कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। जब देश के प्रधानमंत्री ने मंदिर का शिलान्यास कर करोड़ों भक्तों के सपने को साकार कर दिया है। दीपोत्सव कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के अलावा सहित भाजपा कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद होकर इस खुशी में शामिल हुए और दीप जलाकर दीवाली मनायी। इस दौरान पूर्व विधायक डा. आलोक रंजन, विधायक संजीव कुमार झा, भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह, शशि सोनी, बजरंग गुप्ता सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोग, समाजसेवी मौजूद थे। वहीं दूसरी ओर शहर के शंकर चौक स्थित श्रीराम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर में भी लोगों ने दीवाली मनायी। स्थानीय लोगों ने मंदिर को रंग बिरंगे बल्वों से सजाकर लाईट का इंतजाम किया और मंदिर को दीपों से सजा कर उसे जलाया गया। रात में मंदिर में जलते दीपों की आकर्षक् छटा शहरवासियों को मंत्रमुग्ध कर रही थी। हर काई आज इस खुशी में शामिल होना चाहता था। मंदिर के रंजीत दास ने बताया कि आसपास के घरों से प्रसाद मंदिर में चढाया गया। भगवान श्री राम को प्रसाद का भोग लगाया गया। वहीं पूरे मंदिर परिसर में 1001 दीये जलाए गए। ऊं लिखे पताका पूरे मंदिर परिसर में फहराया गया। कार्यकम में रंजीत दास, शशि शेखर सम्राट, मोदी पंजियार, सिटटू गाडा, प्रभु पंजियार, अशोक पंजियार, शक्ति गुप्ता, रामकुमार भगत, बिन्दु केशरी, अमरनाथ तिवारी, मंदिरों के अलावा कई मुहल्लों में लोगों ने अपने घरों के छत पर दीप जलाकर भूमि पूजन का स्वागत किया। वहीं भाजपा नेता पूर्व प्रखंड प्रमुख शंभूनाथ झा ने अयोध्या में भूमि पूजन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 6 दिसंबर 1992 को कार सेवक जत्था को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया था और बनारस सेंट्रल जेल में कार सेवक को एक महीने तक रखा गया। उसके बाद प्रमाण पत्र देकर रिहा किया गया। यह मेरे लिए गौरव की बात है।

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