कोसी क्षेत्र की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक दर्शन का मिल रहा मौका
सहरसा। रेलवे ने पहली बार अपनी आमदनी बढ़ाने से अलग हटकर क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों
सहरसा। रेलवे ने पहली बार अपनी आमदनी बढ़ाने से अलग हटकर क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहरों व सांस्कृतिक क्षेत्रों को विकसित व समृद्ध बनाने की दिशा में अपनी पहल शुरू कर दी है। आजादी के बाद से ही क्षेत्र की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थलों को पेंटिग के रूप में सजाना शुरू कर दिया है। सहरसा स्टेशन पर इन दिनों दर्जनों लोक कलाकार अपनी कला की अमिट छाप छोड़ रहे है। विश्व विख्यात मधुबनी पेंटिग से सहरसा स्टेशन को सजाने का काम शुरू हो गया है। मधुबनी सहित कोसी क्षेत्र के आसपास इलाकों के करीब 60 कलाकारों की टोली सहरसा स्टेशन पर अपनी कला को रूप देने में लगे है। यात्रा करनेवाले यात्री हर दिन कलाकारों की इस नमूना को प्लेटफार्म पर देखकर हर्षित हो रहे है। कहते है कि रेल ने इस दिशा में एक बेहतर व प्रेरक कदम उठाया है। इससे जहां अपनी क्षेत्र की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि एवं ऐतिहासिक धरोहरों के दर्शन करने का मौका यात्रियों को मिलेगा। वहीं लोक कलाकारों की ख्याति बढ़ेगी। सहरसा स्टेशन पर पिछले एक सप्ताह से लोक कलाकारों का दल अपनी सुविधानुसार प्लेटफार्म नंबर दो स्थित सरकारी कार्यालय की दीवार पर मधुबनी पेंटिग से सजा दिया है और कई दीवारों पर अलग-अलग पेंटिग बनायी जा रही है। लोक बाल कलाकार सुजन कहते हैं कि पेंटिग ने सहरसा स्टेशन को जीवंत बना दिया। हर यात्री पेंटिग की तरफ रूककर देखते है और रेल के इस कार्य की सराहना करते थकते नहीं हैं। राम सीता स्वयंवर सहित ग्रामीण संस्कृति की दिखती है झलक
सहरसा स्टेशन पर लगाए जाने वाले मधुबनी पेंटिग में राम सीता स्वयंवर सहित ग्रामीण संस्कृति की झलक दिखती है। हर पेंटिग अपनी कहानी बयां कर रहा है। मछली, मयूर, हंस सहित नदी की धारा चित्रित की गयी है लेकिन ग्रामीण संस्कृति व लोक परम्परा से जुड़ी चीजों चूल्हा, जाता, ढेकी, ओखली सहित अन्य कई चित्र बनने बाकी है। प्लेटफार्म पर बने कार्यालयों की दीवालों पर पेंटिग का काम पूरा होने के बाद मुख्य द्वार पर पेंटिग की महफिल सजेगी। कई स्टेशनों पर लग चुकी हैं मधुबनी पेंटिग
पूर्व मध्य रेल के मंडल रेल प्रबंधक रविन्द्र कुमार जैन के अथक प्रयास से ही पूर्व मध्य रेल के कई स्टेशनों पर मधुबनी पेंटिग से स्टेशन को सजाया गया है। स्टेशनों पर पेंटिग बनाने वालों को रेलवे सिर्फ जगह व मैटेरियल का पैसे दे रही है। यानि रेलवे ने कलाकारों से सहयोग लेकर सजाने का बीड़ा उठाया है। यह अपने आप में बडी बात है कि रेलवे को इस पर ज्यादा पैसे खर्च करने नहीं पड़ रहे है। इस कार्य के लिए रेलवे बोर्ड के चेयरमेन ने डीआरएम को पत्र लिखकर उनके बेहतर कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उनके कायल होने की बात कही है। चेयरमेन ने इस बाबत डीआरएम आरके जैन को पत्र लिखकर कार्य की सराहना की तथा इस कार्य को प्रेरक बताया। पेंटिग बनाने का कार्य मां चन्द्रकला राजेश्वरी सेवा संस्थान, मधुबनी को दिया गया है।
कोट स्टेशन को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए विश्व विख्यात मधुबनी पेंटिग लगायी जा रही है। इसके अलावा हर स्टेशन पर क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोंहर व सांस्कृतिक- धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थलों के भी चित्र बनाए जाएंगे। जिससे लोगों को इससे प्रेरणा मिल सकें। मधुबनी, समस्तीपुर, दरभंगा के बाद सहरसा में पेंटिग का काम चल रहा है। महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी मधुबनी पेंटिग लगायी जा रही है। -आरके जैन, मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल