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शिव शिष्य बनने में जाति-धर्म की नहीं कोई बाध्यता : परमेश्वर

सहरसा। शिव शिष्यता ग्रहण करने में जाति, धर्म, सम्प्रदाय अथवा खानपान की कोई वर्जना नहीं है। गु

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 01:33 AM (IST)
शिव शिष्य बनने में जाति-धर्म की नहीं कोई बाध्यता : परमेश्वर
शिव शिष्य बनने में जाति-धर्म की नहीं कोई बाध्यता : परमेश्वर

सहरसा। शिव शिष्यता ग्रहण करने में जाति, धर्म, सम्प्रदाय अथवा खानपान की कोई वर्जना नहीं है। गुरु की दया ही वास्तविक दीक्षा है। शिव के अवढरदानी,महाकाल ,मृत्युंजय स्वरूप से तो लोग बहुत पहले से जुड़ाव रखते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार शिव जगत के शास्त्र और शस्त्र दोनों के आदि गुरू माने जाते हैं।बस लोगों को इस के गुरू स्वरूप से जुड़ने की आवश्यकता है।

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उक्त बातें शनिवार को प्रखण्ड क्षेत्र के अति प्राचीन शिव मंदिर नाकुचेश्वर के प्रांगण में आयोजित एक दिवसीय शिव परिर्चचा को संबोधित करते हुए शिव शिष्य परमेश्वर भाई ने कही। इस परिचर्चा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि नाकुचेश्वर महादेव का इतिहास भी संत कारू खिरहरी के गुरू से जुड़ा है। इस दौरान भजन की प्रस्तुति ने माहौल को भक्तिमय बनाए रखा।इस दौरान मधेपुरा के राजकुमार ,सुपौल के बालकृष्ण झा,सुबोध मिश्र,डोमी राम,शशि यादव,नारायण झा,नरेश यादव,गजेन्द्र यादव,संजय यादव,विजय यादव,मंजूला ,राधा,शीला,चन्द्रकला,घुरनी ,कमली,कुलदीप ,अंजली झा,प्रमोद झा,हिटलर चौधरी,अजय चौधरी,नूतन देवी,हीरालाल हिमांशु,जटाशंकर राय,कन्हैया,कमल नारायण ठाकुर सहित सैंकड़ों शिव शिष्य उपस्थित थे।


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