Move to Jagran APP

जापानी बटेर का पालन कर समृद्ध होंगे कोसी के लोग

सहरसा। जापानी बटेर की बढ़ती मांग और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि व पशुपालन विभा

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:23 PM (IST)
जापानी बटेर का पालन कर समृद्ध होंगे कोसी के लोग

सहरसा। जापानी बटेर की बढ़ती मांग और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि व पशुपालन विभाग ने कोसी क्षेत्र में इस प्रजाति के पालन की रणनीति तैयार की है। इसके लिए सरकार ग्रामीण युवक- युवतियों के लिए एक सहज और आसान व्यवसाय प्रदान कर रही है। विभाग का मानना है कि बटेर पालन के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की भी आवश्यकता नहीं है। वैसे किसान जिन्हें मुर्गी पालन का थोड़ा भी ज्ञान है, बटेर पालन आसानी से कर सकते हैं। इससे किसानों,युवक- युवतियों की आमदनी बढ़ेगी और क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा।

loksabha election banner

---------

काफी कम खर्च में कमा सकते हैं अत्यधिक लाभ

---------

बटेर की उत्पादन क्षमता और बटेर पालन की लाभप्रद व्यवसाय को देखते हुए हमारे देश में इसे वन जीव संरक्षण कानून 1972 से बाहर निकाल दिया गया है। इसके लिए लाइसेंस देने का भी प्रावधान है। बटेर को रखने के लिए काफी कम स्थान की आवश्यकता होती है। प्रति चूजा का बाजार भाव 14-15 रूपए है, जबकि बाजार में प्रति बटेर 60 से 70 रुपए में मिलता है। अर्थात इसके पालन खर्च को काटकर प्रति पक्षी कम से कम 30 रुपए की बचत होती है। दो सौ बटेर के रखरखाव के लिए 3/2/2 मीटर स्थान की आवश्यकता है। विभाग का मानना है कि गांव के बेरोजगार युवक-युवती अन्य कार्याें के साथ- साथ मात्र एक घंटा सुबह- शाम मेहनत करे तो आसानी से हर माह छह हजार से आठ हजार रूपए तक आमदनी हो सकती है। यह व्यवसाय पिछड़े कोसी क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

----------

एक मुर्गी के निर्धारित स्थान में पाले जा सकते हैं दस बटेर

---------

विभागीय अधिकारी का कहना है कि बटेर प्रतिवर्ष तीन से चार पीढि़यों को जन्म देने की क्षमता रखता है, जो व्यवसायिक ²ष्टि से काफी लाभप्रद है। एक मुर्गी के लिए निर्धारित स्थान में आठ से दस बटेर वाले जा सकते हैं। शारीरिक वजन की तेजी से बढ़ोतरी के कारण यह पांच हफ्ते में खाने के योग्य हो जाता है। कहा जाता है कि बटेर के अंडे, मांस में संतुलित मात्रा में अमीनो अम्ल, विटामिन, वसा ओर खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है। मुर्गी की अपेक्षा इसमें रोग की संभावना काफी कम रहती है। मादा बटेर का पालन कर इसके अंडे की बिक्री से भी काफी आमदनी बढ़ाई जा सकती है।

----------------------

किसानों और बेरोजगार युवा- युवतियों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि विभाग और पशुपालन विभाग समन्वित प्रयास से जापानी बटेर के पालन को बढ़ावा दे रही है। इससे किसानों और बेरोजगार युवक- युवतियों की आमदनी बढ़ेगी।

दिनेश प्रसाद सिंह

जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.