दीपावली में भी पेंशन से वंचित रहेंगे जिले के असहाय
सहरसा। जिले में पेशन योजना का बुरा हाल है। भौतिक सत्यापन नहीं हो पाने के कारण जहां तकर
सहरसा। जिले में पेशन योजना का बुरा हाल है। भौतिक सत्यापन नहीं हो पाने के कारण जहां तकरीबन 24 हजार लाभुक तीन वर्ष से पेंशन से वंचित हैं। ये सभी ऐसे लाभुक हैं, जिन्हें वर्ष 2016 तक नकद भुगतान होता रहा है। जब से खाते में पेंशन भेजा जाने लगा इनलोगों को पेंशन नहीं मिल रहा है। इसके साथ राज्य पेंशन योजना के लगभग सात हजार लाभुक जिन्हें केन्द्र प्रायोजित योजना में समायोजित किया था, प्रखंड विकास पदाधिकारी के सतत पर्यवेक्षण नहीं होने और पंचायत सचिवों की मनमानी के कारण यह कार्य भी अधूरा यूं ही पड़ा हुआ है। ऐसे में जिले के दस हजार से अधिक लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित हो गए हैं।
-----------------
आचार संहिता के कारण वृद्धजन पेंशन पर लगा रहा ग्रहण
------------
सत्यापन और समायोजन के बिना जहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, विकलांग, विधवा आदि पेंशन योजना के लाभुक पेंशन से वंचित हैं। वहीं वृद्धजन पेंशन योजना की स्थिति भी ठीक नहीं है। सिमरीबख्तियारपुर उपचुनाव के कारण इस योजना के नये लाभुकों के आवेदन की स्वीकृति लगभग दो महीने से नहीं बंद है। कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारीनुसार इस योजना में 24 हजार पांच सौ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें आठ हजार को स्वीकृति मिली, जिसमें लगभग साढ़े छह हजार को पेंशन भुगतान की प्रक्रिया शुरू हुई।
---------------
जिला प्रशासन के आदेश का तबज्जों नहीं देते पंचायत सचिव
------------
गत वर्ष ही राज्य पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया। इससे संबंधित विभिन्न घटक के लाभुकों का सत्यापन कर केन्द्र प्रायोजित योजना में समायोजित किया जाना है। इसके लिए जिलास्तर से कईबार प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया, परंतु पंचायत सचिवों की स्वेच्छाचारिता के कारण इस कार्य को पूरा नहीं किया जा सका, जिसके कारण इस योजना के लाभुक भी एक वर्ष से पेंशन से वंचित है। दोनो योजना मिलाकर लगभग दस हजार लाभुक दीपावली के मौके पर भी पेंशन से वंचित रहेंगे।
------------------
पेंशन योजना का ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। जिन लाभुकों का सत्यापन नहीं हुआ, उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निदेशित किया गया है। आचार संहिता के कारण वृद्धजन पेंशन योजना की नई स्वीकृति पर रोक लगा हुआ था, अब इसमें तेजी आएगी।
भाष्कर प्रियदर्शी
सामाजिक सुरक्षा सहायक निदेशक, सहरसा।