जहां तक संभव हो प्रसव को भेजें एम्बुलेंस: डीएम
सहरसा। शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी शैलजा शर्मा की अध्यक्षता में स्वास्थ विभाग क
सहरसा। शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी शैलजा शर्मा की अध्यक्षता में स्वास्थ विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए डीएम कई महत्वूपर्ण निदेश दिए। डीएम ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) का सर्वे रजिस्टर पूर्ण कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जिला में भेजे। जिले में चौथा एएनसी के प्रतिशत में वृद्धि हुई है। इसे कम से कम 20 प्रतिशत और बढ़ाकर सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाना है। कहा कि बनमा ईटहरी पीएचसी के लिए जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी ने निदेशित किया कि बांध के अंदर की महिलाओं के प्रसव के लिए एंबुलेंस जहां तक वाहन चलने योग्य मार्ग है, वहां तक जरूर भेजें। जिन महिलाओं का प्रसव जुलाई से अक्टूबर माह के बीच होने वाला है, उनका नाम, पता, प्रसव की संभावित तिथि की जानकारी संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सिविल सर्जन आदि के पास रखने की व्यवस्था करें।
कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी यह प्रमाण-पत्र दें कि उन्होंने सभी आशा को किट दे दिया है। जिला पदाधिकारी ने अनचाहे गर्म से रक्षा के लिए सभी चिकित्सा पदाधिकारियों तथा सीडीपीओ को महिलाओं में अंतरा का प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। इस सुई के एक बार प्रयोग से तीन महीने तक महिलाएं गर्भधारण से सुरक्षित रहती है। इसका साइड इफेक्ट नहीं के बराबर है। डीएम ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम वर्ष भर चलाएं। बताया गया कि बनमा ईटहरी, सौर बाजार, नौहट्टा की स्थिति अच्छी नहीं है। संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इसकी साप्ताहिक मॉनीट¨रग कर प्रतिवेदन दें। डीएम ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सोनवर्षा के कार्याें की सराहना की। बैठक में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय दिशा निदेश के अनुसार ओपीडी में आए मरीजों में से दस प्रतिशत की यक्ष्मा रोग की जांच अवश्य होनी चाहिए। विशेष जांच अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर तथा सदर अस्पताल सहरसा में नि:शुल्क करायी जा सकती है। मरीज को बस एक बार आकर जांच करानी होगी। उनका जांच रिपोर्ट संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेज दिया जाएगा। उन्हें दोबारा आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सभी दवाईयां तथा अन्य सुविधाएं उन्हें नि:शुल्क दी जाएगी। जिला पदाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इसका अनुपालन करने का निदेश दिया।
मौके सिविल सर्जन पर अस्पताल अधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम, केयर, यूनिसेफ आदि के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।