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शहर में निकला शिक्षा-नागरिकता अधिकार मार्च

सहरसा। मंगलवार को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर संविधान विरोधी, गरीब विरोधी, सांप्रदायिक नागरिकता संशोध

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 02:44 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:11 AM (IST)
शहर में निकला शिक्षा-नागरिकता अधिकार मार्च

सहरसा। मंगलवार को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर संविधान विरोधी, गरीब विरोधी, सांप्रदायिक नागरिकता संशोधन बिल एवं एनआरसी एवं विश्वविद्यालयों में छात्रों एवं अध्यापकों के ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ भाकपा माले ने शहर में शिक्षा नागरिकता अधिकार मार्च निकाला। सहरसा कचहरी से निकाले गए इस शिक्षा नागरिकता अधिकार मार्च शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों से गुजरते हुए शंकर चौक तक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।

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मार्च का नेतृत्व करते हुए पार्टी जिला सचिव ललन यादव ने शंकर चौक पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल, एनआरसी लाकर लोगों को तबाह करना चाह रही है। इसी प्रकार फीस वृद्धि कर आम छात्रों- गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। जेएनयू जैसे संस्थान को सरकार नकारात्मक चीजों को फैलाकर बंद करना चाहती है। भाकपा माले ने एनआरसी नागरिकता संशोधन बिल और शिक्षा में किए गए फीस वृद्धि वापस लेने की मांग की है। शिक्षा नागरिकता अधिकार मार्च में खेग्रामस के राष्ट्रीय पार्षद विक्की राम, इंसाफ मंच जिलाध्यक्ष नईम आलम, निर्माण मजदूर यूनियन जिलाध्यक्ष विजेन्द्र यादव, सचिव मुकेश कुमार, युवा नेता प्रभु यादव, छात्र नेता कुंदन कुमार, प्रखंड सचिव अशोक कुमार सुमन, खेग्रामस राष्ट्रीय पार्षद वकील कुमार यादव, मजदूर यूनियन नेता मो. यूनुस, सीताराम यादव, सुरेन्द्र यादव उर्फ विद्धार्थी, दीपक कुमार, मीना देवी, अजय रजक, रंधीर कुमार ठाकुर, कमल किशोर यादव, पिकी कुमारी आदि शामिल थे।


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