30 प्रतिशत बच्चों को नहीं मिलीं पाठ्य पुस्तक की राशि
सहरसा। जिले के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को साल बीतने को है लेकिन अब तक 30 प्रतिशत
सहरसा। जिले के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को साल बीतने को है लेकिन अब तक 30 प्रतिशत बच्चों को पाठ्य पुस्तक की राशि नहीं मिल पायी है। राशि नहीं मिलने के कारण इन बच्चों की पढ़ाई बाधित है। जबकि पिछले महीने में ही सरकारी स्कूलों में अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा भी हो गयी है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाठ्य पुस्तक से वंचित बच्चे किस तरह परीक्षा दे पाए होंगे यह कहना मुश्किल है। हालांकि कई स्कूल के प्रधानाध्यापक कहते हैं कि बच्चों के पास कमोबेश पाठ्य पुस्तक पहले से ही उपलब्ध है। क्योंकि हर वर्ष राज्य सरकार द्वारा ही बच्चों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराती रही है। इस वर्ष सरकार ने बच्चों को खाता में ही राशि दिए जाने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष की ही पुरानी पुस्तक बच्चों के बीच स्कूल प्रबंधन ने कर दिया था। जिसका लाभ बच्चों को मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में जिले में नामांकित बच्चों 444024 में से 328578 बच्चों को ही पाठ्य पुस्तक मिल पायी थी। पाठ्य पुस्तक विलंब से मिलने के कारण ही सरकार ने इस बार बच्चों के खाता में ही पोशाक, छात्रवृति राशि की तरह इसका भुगतान करने का निर्णय लिया। जून 18 में ही सरकार ने राशि का आवंटन कर दिया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल वार छात्र-छात्राओं की संख्या अनुसार बैंक में एडवाइस भेज दिया है। लेकिन कुछ बैंक प्रबंधक की मनमानी एवं कागजी कार्रवाई में विलंब के कारण करीब 30 प्रतिशत बच्चों के खाता में राशि नहीं जा पायी है।
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बैंक करता है मनमानी सरकार का उद्देश्य है कि योजना में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए योजनाओं का लाभ सीधे लाभुक के खाते में जाएं। इसी कारण बच्चों के खाता में ही रूपये दिये जाते है। लेकिन बच्चों का खाता खोलने में बैक आनाकानी करता है। कई बैंकों में शाखा प्रबंधक बच्चों का खाता खोलने के लिए आनाकानी करते हैं और कई कागजों की बेवजह डिमांड कर परेशान करते हैं। जिस कारण बच्चों के अभिभावक बैंक जाना छोड़ देते हैं। इस कारण खाता नहीं खुलने पर बच्चों के खाता में राशि जमा नहीं हो पाती है।
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बीईओ से मांगी गई रिपोर्ट जिले के सभी प्रखंडों से पाठ्य पुस्तक खरीद के लिए बच्चों को दी गयी राशि की अद्यतन रिपोर्ट सभी बीईओ से मांगी गयी है। नामांकित बच्चों का एडवाइस बैंकों को भेजा जा चुका है। पिछले महीने तक जिले के 70 प्रतिशत बच्चों के खाता में पाठ्य पुस्तक की राशि मिल चुकी है।
मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान