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अब हाईटेक बनेगा जिले का हाट-बाजार

सहरसा।अब आवश्यक कार्य के लिए ग्रामीण हाट पहुंचने वाले लोगों को धूप- बरसात के बचने के लिए

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 12:47 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 12:47 AM (IST)
अब हाईटेक बनेगा जिले का हाट-बाजार

सहरसा।अब आवश्यक कार्य के लिए ग्रामीण हाट पहुंचने वाले लोगों को धूप- बरसात के बचने के लिए पेड़ की छांव व तंबूओं का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी हाट-बाजार को हाईटेक बनाने का निर्णय लिया है। अब हाट में किसी भी छोटे व्यवसाय करनेवाले लोग जमीन पर बैठकर दुकानदारी नहीं करेंगे। बल्कि उसके लिए चबूतरा और शेड का निर्माण कराया जाएगा। उन्हें हर दिन स्थान बदलने की समस्या से भी उन्हें मुक्ति मिलेगी। आमलोगों के लिए भी उपलब्ध होगी बुनियादी सुविधाएं मनरेगा योजना से इन हाटों के निर्माण के लिए आवश्यक कार्रवाई प्रारंभ कर दिया गया है। इन हाटों में आमलोगों के लिए पेयजल, शौचालय आदि की बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं दुकानदारों को भी बिजली व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि हाट भी साफ- सुथरा और बेहतरीन बाजार का रूप ले सके। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को अपने क्षेत्रान्तर्गत हाट-बाजार को चिह्नित कर संबंधित पंचायत के माध्यम से इसे योजना में शामिल करने का निदेश दिया है, ताकि वर्ष में हर प्रखंड के कम-से-कम एक हाट की सूरत बदल सके। जिले के 22 सरकारी हाटों की बदलेगी सूरत यूं तो जिले में छोटे- बड़े तीन दर्जन के करीब हाट हैं, परंतु जिले के विभिन्न अंचलों के वैसे सैरात जहां से सरकारी राजस्व प्राप्त हो रहा है। वैसे हाटों का मनरेगा योजना से निर्माण होगा। इसमें सोनवर्षा प्रखंड के सोनवर्षा हाट, महुआ बाजार, विन्दटोली, गढ़ बाजार, काशनगर हाट व डैली फिसरीज, सौरबाजार प्रखंड के गुदरीहाट सौरबाजार, राजस्व हाट, राजस्व हाट बैजनाथपुर, कचरा राजस्वहाट, राजस्व हाट कांप, प्रखंड परिसर फलकर और रौता दुर्गा मेला, सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड के सिटानाबाद व मोहर्रम मेला गुदरीहाट, कहरा प्रखंड के बरियाही हाट, महिषी प्रखंड के राजनपुर व तेलवाहाट, पतरघट प्रखंड के पतरघट हाट, सत्तरकटैया प्रखंड के पटोरी हाट तथा बनमा इटहरी प्रखंड के तेलियाहाट मेला व सरबेला फलकर की सूरत बदलनेवाली है।

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कोट मनरेगा योजना से इस वर्ष से हर प्रखंड के एक-एक हाट का निर्माण किया जाएगा। जिससे इन हाटों की सूरत बदलेगी। दुकानदारों को धूप-बरसात से बचने में सहूलियत होगी और आमलोगों को भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। -राकेश कुमार, निदेशक, डीआरडीए, सहरसा।


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