पानी भरे गड्ढे में पड़े थे चार बच्चों के शव, देखकर लोगो की रूह कांप गई
सहरसा के डीबी रोड में चार बच्चों का शव एक साथ मिलने से कोहराम मच गया है। एक बच्चा का शव मिला था, जिसे देखने तीन बच्चे गए थे और हाइ वोल्टेज तार की चपेट में आकर तीनों की मौत हो गई।
सहरसा [जेएनएन]। एक जनवरी को लापता हुए भाई का शव निकालने की कोशिश कर रहीं दो बहनें हाइटेंशन तार की चपेट में आने से काल के गाल में समा गईं। इस कोशिश में साथ रही सहेली की भी मौत हो गई। बच्चे की मौत भी करंट से होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
यह हृदयविदारक घटना डीबी रोड पीएनबी गली में हुई। बच्चियों की मौत की सूचना मिलते ही उग्र लोगों ने दुकानें बंद करा जगह-जगह जाम कर दिया। स्थिति नियंत्रित कर रही पुलिस जीप पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया।
डीबी रोड निवासी फोटो फ्रेम करने वाले कारीगर संतोष कुमार जायसवाल का पुत्र चिराग उर्फ छोटू (08) एक जनवरी को लापता हो गया था। गुरुवार को घास काटने किसी महिला की नजर शव पर पड़ी। उसने चिराग के बहनों को यह सूचना दी। जहां शव पड़ा था वह गड्ढेनुमा जगह है।
पानी होने के कारण उधर लोगों की आवाजाही कम रहती है। इसी गड्ढे के बगल से रेलवे की आपूर्ति के लिए हाईटेंशन तार ले जाया गया है। शव पड़े होने की जानकारी मिलने पर चिराग की बहनें निधि (17) और मुस्कान (14) अपनी डीबी रोड निवासी सहेली किशोर दास की पुत्री कोमल (19) के साथ वहां पहुंचीं। भाई का शव देखकर उसे निकालने के दौरान दोनों बहनें हाईटेंशन तार की चपेट मेें आ गईं। सहेलियों को बचाने के क्रम में कोमल की भी मौत हो गई। कोमल किशोर दास की इकलौती बिटिया थी।
बच्चियों की मौत की सूचना मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए। उग्र लोगों ने बिजली विभाग व पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बाजार बंद करा सड़क जाम कर दिया। भीड़ ने यातायात पुलिस पोस्ट की टेबल-कुर्सी भी जला दी। इसी हाईटेंशन तार से रेलवे को बिजली जाती थी। इस कारण लोगों ने रेलवे स्टेशन पर भी हंगामा किया।
मौके पर पहुंची पुलिस को भी भीड़ ने खदेड़ कर पुलिस जीप पर पथराव कर दिया। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी कई घंटे की मशक्कत के बाद भीड़ को समझाने में कामयाब हुए। परिजन को चार लाख बीस हजार का चेक देने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।