छात्रों के अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे चंद्रशेखर
सहरसा। आइसा के छात्र नेता कामरेड चंद्रशेखर का 24वां शहादत दिवस भाकपा माले कार्यालय में मन
सहरसा। आइसा के छात्र नेता कामरेड चंद्रशेखर का 24वां शहादत दिवस भाकपा माले कार्यालय में मनायी गयी। बुधवार को आयोजित शहादत दिवस पर मौजूद लोगों ने उनके तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए माले नेता विक्की राम ने कहा कि कामरेड चंदू जीवनपर्यंत छात्रों, नौजवानो के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे। जुल्मों के खिलाफ लड़ाई के दौरान भाकपा माले साथी श्यामनारायण यादव के साथ शहीद हो गए। हम उनके संघर्ष को जारी रखने और उनके अरमानों को मंजिल तक पहुंचाने का वादा करते है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि के रहने वाले कामरेड चंद्रशेखर नेशनल डिफेंस एकेडमी में जाने के बाद एक आसान जिदगी चुन सकते थे लेकिन एकेडमिक के आगे बढ़ने के बाद जेएनयू में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रहने के बाद शिक्षा में बेहतर के लिए कई लंबी लड़ाइयां लड़ी और सफल रहे। गरीब बच्चों के नामांकन का मुद्दा उन्होंने आइसा में रहते हुए उठाया। भिखारी ठाकुर पर पीएचडी करने के बाद चंद्रशेखर अपने गृह जिला आकर माले में काम करने लगे और एक सभा के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। चंद्रशेखर की शहादत आइसा की एक ऐसी विरासत है जो हमारे लिए प्ररेणास्त्रोत है। इस श्रद्धांजलि सभा में फूलचंद राम, जिवेंद्र राम सहित दर्जनों भाकपा माले कार्यकर्ता मौजूद थे।