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बाजार से आक्सीमीटर, थर्मामीटर सहित जरूरी दवाइयां हुई गायब

सहरसा। कोरोना काल में कई आवश्यक दवा सामग्री आमलोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। बाजार

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:41 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:41 PM (IST)
बाजार से आक्सीमीटर, थर्मामीटर
सहित जरूरी दवाइयां हुई गायब
बाजार से आक्सीमीटर, थर्मामीटर सहित जरूरी दवाइयां हुई गायब

सहरसा। कोरोना काल में कई आवश्यक दवा सामग्री आमलोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। बाजार में ऑक्सीजन मापने की मशीन ऑक्सीमीटर नहीं मिल रहा है। इसके अलावा थर्मामीटर सहित कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए कई आवश्यक दवाइयां नहीं मिल रही है। कोरोना काल में कुछ दवा एजेंसी इन दवाओं का कालाबाजारी करने में जुट गयी है। दवा रहने के बाद भी मनमाने कीमत पर आक्सीमीटर सहित अन्य जरूरी दवाईयां बेची जा रही है। शहर में पहले एक भी ऑक्सीमीटर की बिक्री नहीं होती थी लेकिन कोरोना काल में हर परिवार अब इसे आक्सीजन मापने के लिए ऑक्सीमीटर को जरूरत पड़ रही है। ऐसे में दवा के थौक विक्रेताओं द्वारा मनमानी किए जाने से आमजन परेशान हैं। कोरोना काल में बाजार से आवश्यक दवाईयां किल्लत होने से दवा कालाबाजारियों का दबदबा कायम होने लगा है। सहरसा शहर में करीब 100 के करीब दवाओं के थौक स्टॉकिस्ट है। जिसमें सेमी हॉलसेल करनेवाले भी शामिल है। एक ही दवा कई कंपनियों के बाजार में अलग- अलग मिलते है। लेकिन कोरोना काल में कोरोना वायरस को परास्त करने में काम आनेवाले विटामिन सी, एजीथ्रेामाइसिन, मल्टी विटामिन जैसे दवाओं की कमी है। बाजार में खुले तौर पर आसानी से यह दवा उपलब्ध नहीं होते हैं। कहते हैं कि पहले जिन दवाओं की बिक्री उतनी नहीं होती थी एकाएक एक दो महीने में इसकी बिक्री पच्चीस गुणा बढ गयी है। जिस कारण ही दवाओं की किल्लत शुरू हो गयी है। कहते है कि पटना से ही दवा की आपूर्ति कम हो रही है। पहले ऑक्सीमीटर की बिक्री होती ही नहीं थी। मुश्किल से महीने में एक भी ऑक्सीमीटर नहीं बिकता था। लेकिन अभी तो हाल यह है कि ऑक्सीमीटर 2000 रुपये से लेकर 3500 रूपये तक बिक रहा है। पहले यही ऑक्सीमीटर 1000 रुपये में मिलता था। लोगों का कहना है कि अगर थौक् विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच किया जाए तो अवैध तरीके से किए जा रहे दवाओं के स्टॉक का भंडाफोड़ हो सकता है। साथ ही दवाओं का स्टॉक वैरीफिकेशन किया जाए। इससे कालाबाजारियों पर पूरी तरह अंकुश लग पाएगा।

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दवाओं की नहीं हेागी कमी

सरकारी अस्पतालों में भी जरूरतमंद रोगियों को विटामिन सी सहित एंटीबायटिक दी जा रही है। साथ ही दवाओं के थौक् विक्रेताओं पर भी नजर रखी जा रही है। दवा की उपलब्धता बाजार में रहेगी इसका भी इंतजाम किया जा रहा है।

डा. के के मधूप, प्रभारी सिविल सर्जन


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