आमान परिवर्तन में विलंब से ठहरा है कोसी-मिथिला का मिलन
सहरसा। करीब 13 साल पहले कोसी व मिथिला को रेल से जोड़ने की पहल हुई थी। इस हेतु कोसी नदी
सहरसा। करीब 13 साल पहले कोसी व मिथिला को रेल से जोड़ने की पहल हुई थी। इस हेतु कोसी नदी पर 499 करोड़ की लागत से रेल पुल भी बना दिया गया। परंतु आमान परिवर्तन में विलंब के कारण रेल मार्ग से दोनों इलाका नहीं जुड़ पाया है।
कहां अटका है रोड़ा
सकरी-लौकहाबाजार-निर्मली व सहरसा-फारबिसगंज के आमान परिवर्तन का कार्य काफी सुस्त गति से चल रहा है। 355 करोड़ रुपये की लागत से 206 किमी रेल पथ का अमान परिवर्तन किया जाना था। परंतु अबतक आधा कार्य भी पूरे नहीं हो पाया है। जबकि कोसी नदी पर पुल का कार्य समाप्त हो चुका है। रेल अधिकारियों की मानें तो पुल के दोनों ओर अमान परिवर्तन कार्य के बाद ही पुल पर परिचालन चालू हो पाएगा। इस वर्ष भी यह सपना पूरा नहीं हो पाया।
सहरसा-फारबिसंगज रेलखंड में अमान परिवर्तन का कार्य करीब 10 वर्षों से हो रहा है। परंतु इस वित्तीय वर्ष में भी सहरसा से गढ़बरूआरी तक ही कार्य हो पाएगा। सकरी-लौकहाबाजार-निर्मली रेलखंड में सकरी से झंझारपुर तक ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में कार्य लक्षित है। जबकि सहरसा-फारबिसगंज के अमान परिवर्तन कार्य को जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
कोट
कोसी नदी पर पुल बनकर तैयार हो गया है। अमान परिवर्तन का कार्य चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में लक्षित कार्य को पूरा किया जाएगा। जबकि शेष बचे कार्य को भी जल्द पूरा करा लिया जाएगा।
-आरके जैन, डीआरएम, समस्तीपुर रेल मंडल