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प्रसूता की मौत पर सदर अस्पताल में हंगामा

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 07:34 PM (IST)
प्रसूता की मौत पर सदर अस्पताल में हंगामा

सहरसा, जागरण संवाददाता : सदर अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। आक्रोशित महिला के पति ने सड़क पर लेटकर जाम कर दिया। इसके बाद उनके समर्थन में जब लोग उतरे तो महिला के पति ने टायर जलाकर आग लगाने की कोशिश की। हालांकि, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने दौड़कर उसे पकड़ लिया और टायर छीनकर बुझा दिया।

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मौके पर पहुंचे जिला परिषद के उपाध्यक्ष रितेश रंजन, सीपीआइ नेता ओमप्रकाश नारायण, जिला पार्षद प्रवीण आंनद आदि ने बीच बचाव कर लोगों को शांत किया और सिविल सर्जन को बुलाकर बात की।

सिमरी बख्तियारपुर निवासी संजीव कुमार केसरी ने बताया कि उन्होंने मंगलवार की शाम अपनी पत्‍‌नी गुड़िया देवी (36) को अस्पताल में भर्ती कराया था। ऑपरेशन के बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया। मंगलवार को दो बजे तक गुड़िया की हालत बिगड़ने लगी। वो लोग डाक्टर को बुलाने गए, किंतु महिला वार्ड में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे। महिला वार्ड में डॉ. विभा रानी (ऑन काल) ड्यूटी थी। नर्स ने बताया कि डाक्टर नहीं है। वो लोग इमरजेंसी में गए। किंतु, वहां भी डॉक्टर नहीं मिले। नर्स ने उसे ऑक्सीजन लगा दिया। करीब तीन बजे डॉ. भारती झा पहुंची। वो चलकर एक बार मरीज को देखने की आग्रह करते रहे। किंतु, वो नर्स से पूछताछ के बाद उसे देखने नहीं गयी और अंतत: सवा तीन बजे गुड़िया उसकी मौत हो गयी।

पत्‍‌नी की मौत के बाद संजीव और उसकी मां ने रोता-चिल्लाना शुरू कर दिया। तब पुलिस बल के जवान मौके पर पहुंचे। उस वक्त भी अस्पताल में न तो डाक्टर थे और सारी नर्से भी भाग गई। इससे आक्रोशित होकर संजीव समाहरणालय जाने वाली सड़क पर सो गए और लोगों ने सड़क जाम कर दिया। पत्‍‌नी की मौत से विचलित संजीव टायर जलाकर अस्पताल में आग लगाने दौड़े। भीड़ भी उनके पीछे हो लिया। इस बीच पुलिस बल के जवानों ने उनसे टायर छिनकर फेंक दिया। जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन एवं सीपीआइ नेता ओमप्रकाश नारायण ने भीड़ को चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आश्वासन देकर शांत कराया। इस दौरान कुछ लोग ओमप्रकाश नारायण से भी उलझ गए। बाद में सिविल सर्जन डॉ. भोलानाथ झा को बुलाकर बात की गयी। तब संजीव ने माना कि डॉ. विभा रानी दो बार मरीज को देखने आयी थी।

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'गुड़िया की इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप बेबुनियाद है। चार चिकित्सकों ने उसे मंगलवार को बारी-बारी से देखा है। किंतु, जच्चा-बच्चा की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे सुबह 10 बजे ही रेफर कर दिया था।'

डॉ. अनिल कुमार

अस्पताल उपाधीक्षक


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