जिलेभर में 319 हार्वेस्टर से शुरू हुई गेहूं की कटनी, स्थानीय चालकों ने संभाली कमान
कोविड-19 के मद्देनजर चल रहे लॉकडाउन के बीच पककर तैयार गेहूं फसल की कटनी को ले प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है।
कोविड-19 के मद्देनजर चल रहे लॉकडाउन के बीच पककर तैयार गेहूं फसल की कटनी को ले प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है। बाहर से आए हार्वेस्टर चालकों को क्वारंटाइन में भेजे जाने के बाद अब प्रशिक्षित स्थानीय चालकों द्वारा 319 हार्वेस्टरों से गेहूं की कटनी शु़रू हो गई है। जिले के वेबसाइट पर उन हार्वेस्टर के मालिकों व चालकों का मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित कर दिया गया है। फिलहाल 319 प्रशिक्षित चालकों को लॉकडाउन में हार्वेस्टर चलाने की अनुमति देने से किसानों ने राहत की सांस ली है। धान का कटोरा के रूप में विख्यात इस जिले के किसानों की पहले से ही बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से कमर टूट चुकी है। अब गेहूं की कटनी के समय लॉकडाउन ने सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने की कहावत चरितार्थ कर दी है। बाहर के चालकों से संचालित होते हैं हार्वेस्टर
गेहूं के बंपर उत्पादन वाले इस जिले में हार्वेस्टिग पंजाब व हरियाणा के चालकों द्वारा की जाती है। इस वर्ष भी बाहर से आने वाले 306 चालकों का पास जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया था। इसमें कई चालकों ने आकर अपना कार्य भी शुरू कर दिया था। लेकिन सरकार द्वारा बाहर से आए चालकों को क्वारंटाइन के बाद समस्या बढ़ गई थी। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए यह प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है। किसानों की मानें तो जिले के प्रशिक्षित चालकों से गेहूं की कटनी कराने के निर्णय से किसानों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि किसान अब भी बाहर से आ चुके हार्वेस्टर चालकों से कार्य लेने की अनुमति देने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं। वैसे सबकी नजर मंगलवार को सरकार द्वारा लॉकउाउन की अवधि विस्तार को ले हां या ना पर टिकी हुई है। कहते हैं डीएओ :
जिले में गेहूं की कटनी का कार्य प्रभावित न हो, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले से जुड़े प्रशिक्षित चालकों को इस कार्य में लगाने का निर्णय लिया है। जिले में पहले 267 प्रशिक्षित हार्वेस्टर के साथ चालकों की सूची प्राप्त हुई थी, जो फिलहाल बढ़कर 319 हो गए हैं। इन्हें पंचायतों में भेज हार्वेंस्टर चलाने की अनुमति दी गई है। हार्वेस्टर भी रोटावेटर युक्त है, जिससे फसल अवशेष को खेतों में जलाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। कृषि विभाग किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए कृत संकल्पित है।
राधारमण, डीएओ, रोहतास