Move to Jagran APP

मौसम में बदलाव के साथ बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिता

रोहतास। जिले में बुधवार की सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 06:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:03 PM (IST)
मौसम में बदलाव के साथ बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिता
मौसम में बदलाव के साथ बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिता

रोहतास। जिले में बुधवार की सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। बारिश के चलते खेत में पक कर तैयार गेहूं की फसल की कटाई का कार्य पूरी तरह बाधित हो गया है। आसमान में उमड़ घुमड़ रहे बादल और बूंदाबांदी को देख किसानों के बीच तरह-तरह की आशंका जन्म ले रही है। लोगों के बीच सबसे अधिक ओलावृष्टि की चिता बनी हुई है। पूरे जिले से कहीं तेज, तो कहीं बूंदाबांदी होने की सूचना मिल रही है।

loksabha election banner

खैरा के किसान रामदेव सिंह, सीताराम सिंह, सदोखर के शेषनाथ सिंह, ददन सिंह, बड्डी के जगनारायण सिंह आदि किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल तो कब का पककर तैयार है। परंतु मजदूरों की कमी के चलते एक सप्ताह से सिर्फ छिटपुट कटाई ही चल रही थी। लोग हार्वेस्टर के लिए रुके हुए थे। अभी दो-तीन दिनों से ही गेंहूं की कटाई में कुछ तेजी आई थी, महज 20 से 25 फीसद तक कटनी हो पाई है। तभी मौसम में अचानक बदलाव आने और आज सुबह से शुरू बूंदाबांदी ने किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें खींच दी है। बारिश के चलते कटाई का कार्य पूरी तरह थम गया है। ऐसे मौसम में ओला गिरने की आशंका से लोग काफी सशंकित हैं।

वहीं परसथुआं के किसान अरविद सिंह, विनोद मिश्र, राजेश सिंह, अभिषेक सिंह, रामअशिष चौधरी, पैक्स अध्यक्ष सह किसान जितेंद्र सिंह, रवि मिश्र, विमलेश्वर सिंह सहित अन्य किसानों का कहना है कि गेंहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है और उसकी कटाई भी तेजी से शुरू हो गई थी। यहां अभी महज 50 फीसद ही गेहूं की कटनी हो पाई है, 50 फीसद फसल खेत में ही खड़ी है। बारिश के कारण कटाई का कार्य पूरी तरह ठप पड़ गई है। कहा कि बारिश से डर कम है, सबसे ज्यादा ओलावृष्टि से खतरा है। ऐसे मौसम में ओलावृष्टि होने की आशंका ज्यादा रहती है। अभी कुछ ही दिन पहले जिले के कई भागों में ओलावृष्टि हुई थी। कुछ जगहों पर तो ओला से गेंहूं ही नहीं दलहन-तिलहन और सब्जी की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा था।ऐसे में कहीं मुंह के पास आए निवाला न छीन जाए, यह चिता सभी किसानों को सता रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.