Move to Jagran APP

कर्मियों के कोरोना संक्रमण से धीमी हुई टीकाकरण की रफ्तार

तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण से टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है। बुधवार को जिले के मात्र 22 केंद्रों पर वैक्सीनेशन कार्य किया गया। जहां पर टीका लेने वालों का आंकड़ा हजार तक भी नहीं पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 09:51 PM (IST)
कर्मियों के कोरोना संक्रमण से धीमी हुई टीकाकरण की रफ्तार

जागरण संवाददाता, सासाराम : तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण से टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है। बुधवार को जिले के मात्र 22 केंद्रों पर वैक्सीनेशन कार्य किया गया। जहां पर टीका लेने वालों का आंकड़ा हजार तक भी नहीं पहुंचा। सदर अस्पताल के अलावा सासाराम प्रखंड के पीएचसी व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण कार्य नहीं किया गया। जबकि कई प्रखंडों में वैक्सीन व स्वास्थ्यकर्मी दोनों उपलब्ध होने के बावजूद खाता नहीं खुला।

loksabha election banner

डीआइओ डॉ. आरकेपी साहु ने बताया कि सबसे अधिक डेहरी प्रखंड में 190 लोगों को आज टीका लगाया गया। जबकि दावथ, नासरीगंज, शिवसागर, सूर्यपुरा प्रखंड में टीका लेने वालों की संख्या शून्य रही। पूरा सदर अस्पताल कोरोना की चपेट में आने के कारण सदर अस्पताल व सदर पीएचसी के अलावा सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण कार्य को आज स्थगित किया गया था। इन केंद्रों को सैनिटाइज्ड व साफ सफाई करने के बाद बंद कर दिया गया था। गुरुवार से सदर अस्पताल व पीएचसी में टीकाकरण कार्य किया जाएगा। कहा कि टीका लेने वाले सभी व्यक्तियों से अपील है कि वे मास्क पहनकर ही अपने केंद्र पर जाएं, ताकि वे भी सुरक्षित रहे और स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक भी।

कोरोना के मामले बढ़ते ही ऑक्सीमीटर से ले अन्य सामानों की शुरू हुई कालाबाजारी

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, ऑक्सीजन, वैपोराइजर समेत अन्य सामानों की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। इनके दामों में एकाएक वृद्धि होने से ये बाजार से भी गुम होने लगा है। यहां तक कि सर्जिकल व एन 95 मास्क भी दुकानों पर उचित दाम पर नहीं मिल रहा है। इसके लिए भी लोगों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। ऑक्सीमीटर समेत कुछ अन्य सामग्रियां मिल भी रही है तो उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा हो रहा है।

जानकारी के मुताबिक ऑक्सीमीटर फिलहाल बाजार में निम्न क्वालिटी की 15 सौ रुपये से अधिक मूल्य में थोक दुकानदार बेच रहे हैं। घटिया क्वालिटी की ऑक्सीमीटर द्वारा दिए जा रहे परिणाम पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। कुछ दुकानदारों की मानें तो तीन सौ रुपये की ऑक्सीमीटर को यहां के दुकानदार 15 सौ से 18 सौ रुपये तक में बिना बिल के बेच रहे हैं। ऐसा इसलिए कि मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं ब्रांडेड कंपनियों के ऑक्सीमीटर की बोली ढाई हजार रुपये से अधिक की लग रही है। जबकि कुछ दिन पूर्व तक यह छह-सात रुपये में आसानी से मिल जा रहा था। बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के बाद होम आइसोलेट हुए मरीजों के लिए कुछ सामग्रियां आवश्यक मानी जा रही हैं। थर्मामीटर से जहां वे प्रतिदिन चार से पांच बार तापमान चेक कर रहे हैं वहीं ऑक्सीमीटर से वे ऑक्सीजन के लेवल को माप रहे है। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर ही वे अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं। मास्क की आवश्यकता व अनिवार्यता के बाद इसके विक्रेता भी आपदा में अवसर खोजने से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य महकमा बाजार मूल्य नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बिना बिल के सामग्रियों की बिक्री अपराध है। ऐसा करने वालों की जांच करा सख्त कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.